शी जिनपिंग को कम्युनिस्ट पार्टी की नेशनल कांग्रेस के बाद उन्हें एक बार फिर सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी का जनरल सेक्रेटरी चुन लिया गया। इसके अलावा देश की सबसे ताकतवर 7 सदस्यीय पोलित ब्यूरो कमेटी के 5 नए मेंबर्स ने नाम का भी एलान कर दिया गया है। नई कमेटी में सिर्फ प्रेसिडेंट जिनपिंग और पीएम ली केइकांग को ही जगह मिली है।
जिनपिंग प्रेसिडेंट के साथ ही सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के चेयरमैन भी होंगे। इस बार कमेटी में शामिल किए गए ज्यादातर नए मेंबर्स की उम्र 60-65 के आसपास है। बता दें कि एक दिन पहले ही जिनपिंग की विचारधारा को चीन के कॉन्स्टिट्यूशन में शामिल किया गया था, जिसके बाद से उन्हें देश के सर्वोच्च नेता माओ के बराबर माना जाने लगा है।
बीजिंग के ग्रेट हॉल ऑफ पीपुल्स में मंगलवार को प्रेसिडेंट जिनपिंग के साथ प्राइम मिनिस्टर केइकांग और 5 अन्य लोग मौजूद थे। यहां मीडिया में दी गई स्पीच के दौरान जिनपिंग ने पोलित ब्यूरो कमेटी में चुने गए पांचों नए मेंबर्स की जानकारी दी।इस बार पोलित ब्यूरो कमेटी के सातों सदस्यों में से एक की उम्र 60 साल और बाकियों की इससे ज्यादा है।
जिनपिंग 64 के तो प्राइम मिनिस्टर केइकांग की उम्र 62 साल है।इन दोनों के अलावा चुने गए नए सदस्यों में वाइस-प्रीमियर वांग यांग (62) और शी के चीफ ऑफ स्टाफ ली झांसू (67) को भी जगह मिली है।कम्युनिस्ट पार्टी के वांग हुनिंग (62) और पार्टी के ही झाओ लेजी (60) को भी कमेटी का नया सदस्य बनाया गया है। इन्हें रिटायर हो चुके सदस्यों की जगह मिली है।
हालांकि, नए सदस्यों की उम्र को देखने के बाद ये साफ है कि 2022 नेशनल कांग्रेस में इनमें से कोई भी जिनपिंग का उत्तराधिकारी (Successor) नहीं होगा।शी के नाम का एलान एक हफ्ते लंबे कम्युनिस्ट पार्टी के नेशनल कांग्रेस के बाद हुआ है। इसे चीन के पॉलिटिकल कैलेंडर का सबसे बड़ा आयोजन माना जाता है।
इससे पहले पार्टी कांग्रेस के अंतिम दिन चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) ने प्रेसिडेंट शी जिनपिंग की विचारधारा को कॉन्स्टिट्यूशन में शामिल कर लिया।कांग्रेस में सीपीसी के सभी 2287 सदस्यों ने कॉन्स्टिट्यूशन में ‘शी जिनपिंग थॉट’ को शामिल करने के पक्ष में वोटिंग की। विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा।
जिनपिंग को चीन के पहले कम्युनिस्ट नेता और राष्ट्रपिता कहे जाने वाले माओत्से तुंग के बराबर दर्जा दिया गया है। इनकी विचारधारा पर चीन में नीतियां भी बनेंगी। सीपीसी ने इस नए युग को आधुनिक चीन का तीसरा चैप्टर बताया है।अब चीन के स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में ‘शी जिनपिंग थॉट’ को पढ़ाया जाएगा। गवर्नमेंट इम्प्लॉईज और सीपीसी के 9 करोड़ वर्कर्स को भी इसके बारे में बताया जाएगा।
चीन में शी जिनपिंग थॉट से पहले दो नेताओं के विचार को सीपीसी ने कॉन्स्टिट्यूशन में शामिल किया था। इनमें पहला नाम माओत्से तुंग है। माओ थॉट को पार्टी ने उनके जिंदा रहते ही कॉन्स्टिट्यूशन में जगह दी थी। दूसरा नाम देंग जियाओपिंग का है।शी जिनपिंग थॉट कम्युनिस्ट पार्टी की विचारधारा जैसी ही है। इसके आधार पर ही जिनपिंग ने 5 साल तक शासन किया है। इसमें 14 सिद्धांत हैं।
देश में कम्प्लीट और बिग रिफॉर्म्स की पहल और न्यू डेवलपिंग आइडियाज को अपनाना।इंसान और कुदरत के बीच एडजेस्टमेंट का वादा। एन्वायर्नमेंट प्रोटेक्शन (पर्यावरण संरक्षण), ताकि देश की ऊर्जा जरूरतों को रिन्यूबल एनर्जी द्वारा पूरा किया जा सके।पीपुल्स आर्मी पर कम्युनिस्ट पार्टी का पूरा अधिकार होगा। मकसद, चीन के आधुनिक इतिहास में बड़ा बदलाव लाना। सीनियर मिलिट्री अधिकारियों से बातचीत। एक देश, दो सिस्टम पर जोर देना। इसके जरिये हांगकांग और ताइवान के लोगों को मदरलैंड चीन से जुड़ने के लिए इंस्पायर किया जाएगा।