चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी पीएलए ने अपने सभी जमीनी बलों को आधुनिक डब्ल्यूजेड-10 लड़ाकू हेलीकॉप्टरों से लैस किया है जिनका प्रयोग युद्धक टैंकों को निशाना बनाने और हवा से हवा में मार करने के लिए किया जाएगा । चीन के इस सामरिक कदम से भारत के लिए जटिलताएं हो सकती हैं ।पीएलए के टीवी समाचार चैनल की खबर के अनुसार, पश्चिमी थियेटर कमान के तहत पीएलए के 13वें ग्रुप आर्मी के हवाई दस्ते को कई डब्ल्यूजेड-10 हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति की गयी है।
सरकार संचालित अखबार ‘चाइना डेली’ की खबर के अनुसार, इसका अर्थ है कि सेना के सभी हवाई दस्तों के पास आधुनिक लड़ाकू हेलीकॉप्टर हैं।पीएलए सेना के एविएशन इक्विपमेंट ब्यूरो के उप प्रमुख वरिष्ठ कर्नल शु गुओलिन ने समाचार चैनल से कहा कि सभी समूह सेनाओं के पास कम से कम एक हवाई ब्रिगेड या रेजीमेंट होगी ।हेलीकॉप्टरों को प्राथमिक तौर पर टैंकों को नष्ट करने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया था, लेकिन अब यह हवा से हवा में मार करने की क्षमता से भी लैस है।
इस बीच, चीन की सेना ने मीडिया में आई इन खबरों का खंडन किया कि देश के स्टेल्थ लड़ाकू विमान जे-20, जिसका फिलहाल परीक्षण चल रहा है, को भारत-चीन सीमा पर तिब्बत में तैनात किया जाएगा।जे-20 को तिब्बत के दाओचेंग यादिंग हवाईअड्डे पर देखे जाने संबंधी खबरें आने के बाद पीएलए की वेबसाइट ने कहा है कि जे-20 को जल्द ही सेवा में लगाया जाएगा, लेकिन चीन-भारत सीमा उसकी तैनाती के लिए आदर्श स्थान नहीं है।
पीएल की वेबसाइट पर कहा गया है दुनिया में सबसे उंचे इस हवाईअड्डे के पास सभी सहायक सुविधाएं नहीं हैं और ऐसी कमियों से जे-20 के कामकाज पर असर पड़ेगा।उसमें कहा गया है जे-20 को दाओचेंग यादिंग हवाईअड्डे पर तैनात नहीं किया जाएगा क्योंकि वह सीमा के बहुत पास है, और भारत के पहले हमले की जद में आसानी से आ सकता है। यदि भारत कभी चीन-भारत सीमा पर ब्रह्मोस मिसाइल तैनात करता है तो, दाओचेंग यादिंग हवाईअड्डा उसका निशाना बन सकता है। उसमें कहा गया है,
भारत के लिए विशेषज्ञों का कहना है कि चीन नि:संदेह उसका सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी है, इसलिए चीन की सेना का कोई भी कदम भारतीय मीडिया को छूएगा। वेबसाइट के अनुसार, ‘भारत अभी भी चीन के लिए सबसे बड़ा खतरा नहीं है, हालांकि सीमा पर वक्त-वक्त पर टकराव होते हैं, लेकिन हालात स्थिर हैं।