अजीत डोभाल चीन-भारत सीमा वार्ता के 19वें दौर में भाग लेने के लिए आज यहां पहुंचे। बैठक में जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित करार देने के भारत के प्रयास को चीन द्वारा बाधित किये जाने का विषय भी आ सकता है। विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किये गये डोभाल चीन के शीर्ष राजनयिक यांग जियेची के साथ सीमा वार्ता करेंगे जो दोनों देशों के बीच सालाना तौर पर होती है।
चीन के अनुसार सीमा विवाद 2000 किलोमीटर तक सीमित है जिसमें पूर्वी क्षेत्र का अरुणाचल प्रदेश है जिसे चीन दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है। वहीं भारत का कहना है कि विवाद 3488 किलोमीटर लंबी पूरी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का है जिसमें अकसाई चिन इलाका भी है जिस पर चीन ने 1962 के युद्ध के दौरान कब्जा कर लिया था।
जब 2003 में विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किये गये थे तो दोनों पक्षों ने एक तीन स्तरीय प्रक्रिया तय की थी। अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल दोनों पक्ष दूसरे स्तर पर है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने सीमा वार्ता के बारे में बातचीत करते हुए कहा, ‘हम बातचीत और परामर्श के जरिये क्षेत्र के विवाद को सुलझाने के लिए काम कर रहे हैं और हमने 12 से 14 मामलों में विवादों को पूरी तरह सुलझा लिया है।