चीन ने भारत को लेकर एक और साजिश रची है। चीनी कंपनी Oppo और Vivo कई जगह ब्लड डोनेशन कैम्प लगा रहे हैं। इस दौरान ब्लड निकालते वक्त इंसान के शरीर में वायरस डाल देते हैं। इससे इंसान अगले 3 से 6 महीने तक ब्लड देने लायक नहीं बचता है। चीन का मकसद भारत के साथ युद्ध से पहले पूरे देश में Oppo और Vivo की मदद से ब्लड डोनेशन कैम्प लगाकर ये वायरस फैलाना है।
वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है चीनी कंपनी Oppo और Vivo के द्वारा कई जगह ब्लड डोनेशन कैम्प लगाए जा रहे हैं। कोई भी भारतीय उसमें भाग न ले। यह चीनी सरकार की चाल है। अगर अभी आप ने ब्लड डोनेशन किया तो अगले 3 महीने तक ब्लड डोनेट नहीं कर सकते। इस बीच अगर जंग हुई तो भारत में खून की कमी हो सकती है।
जिससे हमारे घायल सैनिकों को ब्लड की कमी होगी और सेना कमजोर हो सकती है। इसलिए Oppo और Vivo के ब्लड डोनेशन कैम्प में न जाएं। अन्य लोगों को भी यह जानकारी पहुचाएं।इसी से जुड़े अन्य मैसेज में कहा जा रहा है कि चीनी कंपनी Vivo हेल्थ केयर ब्लड डोनेशन के वक्त इंसान के शरीर में वायरस डाल देती हैं।
Oppo और Vivo का मकसद चीन-भारत युद्ध से पहले ज्यादा से ज्यादा भारतीयों के शरीर में ये वायरस डालना है। इसलिए इन कंपनी के ब्लड डोनेशन कैम्प में न जाएं।वायरल मैसेज में दावा चीनी कंपनी Vivo और Oppo के ब्लड डोनेशन कैम्प के हवाले से किया जा रहा है कि इसलिए हमनें इन दोनों कंपनियों की ऑफिशियल साइट पर इससे जुड़ी जानकारी सर्च की।
काफी सर्च करने के बाद भी हमें कंपनी की ओर चलाए जा रहे ऐसे किसी ब्लड डोनेशन कैम्प के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली।इन्वेस्टिगेशन के दौरान हमें पता चला कि वायरल मैसेज में जिस Vivo कंपनी को लेकर दावा किया जा रहा है वह मोबाइल कंपनी Vivo नहीं, बल्कि इंडिया की ही मेडिकल सेक्टर की कंपनी Vivo हेल्थकेयर है। और वीवो हेल्थकेयर ने ही ब्लड डोनेशन कैम्प लगवाया था।
इस ब्लड डोनेशन का चीनी कंपनी Vivo से कोई नाता नहीं था और करीब 1 साल पहले लगाए गए इस कैम्प में वायरस डालने जैसी कोई घटना भी नहीं हुई थी।इन्वेस्टिगेशन के दौरान हमें Oppo कंपनी की साइट और बाकी कहीं भी वायरल मैसेज में किए जा रहे Oppo ब्लड कैम्प से जुड़े दावे जैसी कोई जानकारी नहीं मिली। ओपो कंपनी के मुताबिक उनकी कंपनी इस तरह का कोई ब्लड डोनेशन कैम्प नहीं करती है।