चीन एटॉमिक पावर को दोगुना करना चाहता है। एक सीनियर अफसर के मुताबिक, चीन तैरने वाला न्यूक्लियर पावर स्टेशन बना रहा है। अगले दशक तक वो 100 अतिरिक्त न्यूक्लियर रिएक्टर भी लगाने की प्लानिंग कर रहा है।चीनी एटॉमिक एनर्जी अथॉरिटी के चेयरमैन शू डाजे ने बताया, “चीन मैरीटाइम पावर में इजाफा करने की प्लानिंग में है। जल्द ही हम समुद्र के सारे रिसोर्सेज का इस्तेमाल करेंगे।”
उन्होंने बताया, “इन पावर प्लांट से ऑयल और गैस ड्रिलिंग, आइलैंड के डेवलपमेंट और रिमोट एरियाज में पावर सप्लाई की जा सकेगी।”चीन जनरल न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन (सीजीएन) दो मरीन न्यूक्लियर प्लांट बीजिंग में बना रहा है।अगले महीने दो अन्य कंपनीज भी फ्लोटिंग प्लांट बनाने की घोषणा कर सकती हैं।
रूस ने दुनिया का पहला पानी में तैरता न्यूक्लियर पावर प्लांट तैयार किया है।इससे बिजली की कमी वाले इलाकों में बिजली पहुंचाई जा सकेगी। यह बंजर क्षेत्रों में साफ पानी भी पहुंचाएगा।सितंबर 2016 से ये इलेक्ट्रिसिटी प्रोडक्शन शुरू भी कर देगा।फिलहाल चीन के पास 30 न्यूक्लियर रिएक्टर्स हैं। उनकी कैपिसिटी 28.3 गीगावाट है।
2020 तक बीजिंग इस कैपिसिटी को 58 गीगावाट तक बढ़ाना चाहता है। अन्य 24 रिएक्टर्स पर काम चल रहा है। जिसकी कैपिसिटी 26.7 होगी। 2020 तक इनसे 30 गीगावाट बिजली प्रोडक्शन करने की योजना है।