साउथ चाइना सी के विवादित आइलैंड पर चीन एक पावरफुल राडार सिस्टम लगा रहा है। ‘सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज’ (CSIS) की लेटेस्ट सैटेलाइट इमेजेस में इसका खुलासा हुआ है। चीन ने दलील दी है कि जिस तरह अमेरिका हवाई में डिफेंस सिस्टम लगा रखा है, हम भी उसी तर्ज पर साउथ चाइना में यह काम कर रहे हैं। इस पर अमेरिका ने कहा है कि हवाई पर विवाद नहीं है, जबकि चाइना सी कंट्रोवर्शियल है।
CSIS के प्रमुख अधिकारी ग्रेगरी पोलिंग के मुताबिक, सैटेलाइट फोटोज से हाई फ्रीक्वेंसी राडार के इंस्टॉलेशन का पता चला है।इस राडार को कॉर्टरॉन रीफ पर बनाया जा रहा है, जो कि सात आइलैंड्स में से एक है और रणनीतिक रूप से बेहद खास है।राडार सिस्टम लगने के बाद साउथ चाइना सी में होने वाली किसी भी एक्टिविटी पर चीन आसानी से नजर रख सकता है।चीन के दबदबे वाले इस इलाके में राडार सिस्टम का बनना अमेरिका की दखलंदाजी को चुनौती माना जा रहा है।
कुछ वक्त पहले चीन यहां के एक विवादित आइलैंड पर ‘सरफेस टू एयर’ मिसाइलें भी तैनात कर चुका है।चीन ने ये कदम इस इलाके में अमेरिका और भारत की ज्वाइंट नेवल पेट्रोलिंग की खबरों के बीच उठाया था।कुछ महीने पहले अमेरिका ने साउथ चीन सागर में चीन के आर्टिफिशियल आइलैंड के पास गाइडेड मिसाइल से लैस जंगी जहाज यूएसएस लासेन भेजा था।चीन ने दावा किया कि उसने अमेरिकी जहाज का पीछा किया और वॉर्निंग दी थी। वहीं, अमेरिका का कहना था कि उसकी जहां मर्जी होगी, वहां जाएगा।
यूएस थिंक टैंक एशिया मैरीटाइम ट्रांसपेरेंसी इनिशिएटिव ने कहा है कि चीन पहले ही आर्टिफिशियल आइलैंड पर कई बिल्डिंग्स बना चुका है। यहां उसने कम्युनिकेशन, मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर, हेलिपैड और प्लान्ट बनाए हैं।चीन दक्षिण चीन सागर में 12 समुद्री मील इलाके पर हक जताता है। इस इलाके को ’12 नॉटिकल मील टेरिटोरियल लिमिट’ कहते हैं।ये इलाका दक्षिण चीन सागर में बने आर्टिफिशियल आइलैंड के आसपास का ही है।
चीन के अलावा साउथ ईस्ट एशिया के कई देश (ताइवान, फिलीपींस, वियतनाम और मलेशिया) भी इस इलाके पर अपना दावा जताते हैं।कुछ वक्त पहले बराक ओबामा के साथ मीटिंग में शी जिनपिंग ने कहा था कि वे इस इलाके में मिलिट्री तैनात नहीं करना चाहते।हालांकि, अमेरिका को लगता है कि चीन यहां मिलिट्री एक्टिविटीज बढ़ा रहा है। इसलिए वह इस इलाके में आवाजाही कर रहा है।साउथ चाइना सी में तेल और गैस के बड़े भंडार दबे हुए हैं।
अमेरिका के मुताबिक, इस इलाके में 213 अरब बैरल तेल और 900 ट्रिलियन क्यूबिक फीट नेचुरल गैस का भंडार है।इस समुद्री रास्ते से हर साल 7 ट्रिलियन डॉलर का बिजनेस होता है।चीन ने 2013 के आखिर में एक बड़ा प्रोजेक्ट चलाकर पानी में डूबे रीफ एरिया को आर्टिफिशियल आइलैंड में बदल दिया।इंटरनेशनल लॉ किसी भी देश को उसकी समुद्री सीमा से 12 नॉटिकल मील तक के क्षेत्र में जाने का हक देता है।उसके बाद इंटरनेशनल बॉर्डर का एरिया शुरू हो जाता है।कोई भी देश इस सीमा के बाहर किसी क्षेत्र पर दावा नहीं कर सकता।