प्रधानमंत्री शेख हसीना पर 25 साल पहले हुए हमले के मामले में बांग्लादेश की एक अदालत ने नौ लोगों को मौत की सजा सुनाई। 25 अन्य आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दी गई। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री हसीना पर यह हमला उस समय हुआ था, जब वे विपक्ष में थीं।
आरोपियों को पाबना की अदालत ने यह सजा सुनाई। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रुस्तम अली ने 13 अन्य को 10 वर्ष की सजा सुनाई। 23 सितम्बर 1994 को शेख हसीना रेल से देशव्यापी प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही थी।
जब वह पाबना के ईशवार्दी पहुंचीं, तब यह हमला हुआ था।घटना के समय बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की अध्यक्ष खालिदा जिया थीं। हालांकि हसीना इस हमले में बच गईं। रेलवे पुलिस ने इस घटना को लेकर 135 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक बीएनपी की सरकार के दौरान जांच में रुकावटें आती रहीं लेकिन 1996 में अवामी लीग की सरकार बनने के बाद इसमें तेजी आई।पुलिस ने जांच खत्म होने के बाद 52 आरोपियों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किए थे। फै
सला आने के बाद स्थानीय बीएनपी कार्यकर्ताओं ने कोर्ट परिसर में प्रदर्शन किया। दूसरी तरफ सत्तारूढ़ अवामी लीग के समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने इस फैसले पर संतोष जताया। हालांकि यह फैसला उस समय आया है जब हसीना आधिकारिक यात्रा पर बीजिंग पहुंच चुकी हैं।