आने वाली तबाही से बचने के लिए फिलीपींस बना रहा बैकअप सिटी

फिलीपींस में एक ऐसा नया शहर बनाया जा रहा है, जो प्राकृतिक आपदाओं से पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। इसे न्यू क्लार्क सिटी नाम दिया गया है जो राजधानी मनीला से 100 किलोमीटर दूर है। इसे बनाने का मकसद है कि भूकंप में तबाही के बावजूद यहां सरकारी दफ्तरों में कामकाज होता रहे। लिहाजा, इसे बैकअप सिटी भी कहा जा रहा है।

 यह शहर करीब 95 वर्ग किलोमीटर में बसाया जा रहा है। इसमें 12 लाख लोग रह सकेंगे। 26 लाख से ज्यादा आबादी वाला फिलीपींस प्रशांत महासागर में रिंग ऑफ फायर में है। इस इलाके वाले देशों में भूकंप और ज्वालामुखी का खतरा बना रहता है। न्यू क्लार्क सिटी को इस तरह डिजाइन किया जा रहा है कि यहां टाईफून (चक्रवातीय तूफान) और बाढ़ का खतरा नहीं रहेगा।

सरकारी संस्था बेसेस कन्वर्सेशन एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (बीसीडीए) के अध्यक्ष और क्लार्क सिटी प्लान के प्रमुख विविंसियो डिजोन के मुताबिक हमारा पहला मकसद वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करना है। शहर का ज्यादातर हिस्सा पैदल चलने के हिसाब से बनाया जा रहा है। शहर में यातायात व्यवस्था भी ऐसी रखी गई है कि कारों का इस्तेमाल कम हो।

शहर बनने का काम पांच चरणों में पूरा होगा। पहले चरण में दो अरब डॉलर (13 हजार 775 करोड़ रुपए) खर्च हो चुके हैं।डिजोन के मुताबिक शहर में ऊर्जा के लिए ग्रीन एनर्जी मसलन सौर ऊर्जा और लिक्विफाइड नेचुरल गैस (एलएनजी) का इस्तेमाल होगा। कचरे से भी गैस बनाई जाएगी। इमारतों को बिजली की कम खपत के हिसाब से डिजाइन किया गया है।

प्राकृतिक चीजों, जैसे- नदी, पहाड़, पेड़ों से ज्यादा छेड़छाड़ नहीं होगी। नया शहर मनीला की तुलना में ऊंचाई पर बसाया जा रहा है, लिहाजा यहां बाढ़ का खतरा भी नहीं रहेगा।न्यू क्लार्क सिटी के चारों तरफ पहाड़ हैं जो इसकी टाईफून से रक्षा करेंगे।मकान बनाने के लिए कॉन्क्रीट के साथ ज्वालामुखी के मलबे का इस्तेमाल किया जा रहा है।

यह मटेरियल ज्वालामुखी की गर्मी सहन कर सकेगा। ज्वालामुखी के मलबे को लहर नाम दिया गया है। फिलीपींस के ज्वाइंट टाईफून वॉर्निंग सिस्टम की मानें तो देश में हर साल 19 टाईफून आते हैं। यहां सन 1600 से 2013 तक आए 11 सबसे भयंकर भूकंपों में करीब 7000 लोगों की मौत हो चुकी है।

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