अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भूटान ने भी किया सार्क सम्मेलन से किनारा

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पाकिस्तान में नवंबर में होने जा रहे दक्षेस शिखर सम्मेलन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.भारत के दक्षेस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने से इनकार करने के बाद अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भूटान ने भी कहा कि वे नवंबर में इस्लामाबाद में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे. इन देशों ने 19वें दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के अध्यक्ष नेपाल को इस बारे में सूचित कर दिया है.

इन देशों ने हालांकि दक्षेस में पूरा विश्वास जताया है, लेकिन विभिन्न कारणों से इस्लामाबाद में आयोजित होने वाले शिखर सम्मेलन में शिरकत करने से इनकार किया है.भारत ने जम्मू एवं कश्मीर के उड़ी में सैन्य शिविर पर 18 सितंबर को हुए हमले के बाद यह कदम उठाया, जिसमें 18 जवान शहीद हो गए. भारत ने उड़ी हमले तथा दो जनवरी को पठानकोट में वायुसेना के अड्डे पर हुए हमले के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पर आरोप लगाया है.

भारत ने क्षेत्र में आतंकवादी हमलों के लिए एक देश को जिम्मेदार ठहराते हुए मंगलवार को कहा कि सीमा पार प्रायोजित आतंकवाद और दक्षेस के सदस्य देशों के आंतरिक मामलों में दखल के कारण इस्लामाबाद में 19वें दक्षेस शिखर सम्मेलन के सफलतापूर्वक आयोजन का माहौल नहीं रह गया है.विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि भारत ने दक्षेस के मौजूदा अध्यक्ष नेपाल को अवगत करा दिया है कि वह सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेगा, जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस्लामाबाद जाने वाले थे.

इस संबंध में एक बयान में कहा गया है भारत क्षेत्रीय सहयोग और संपर्क के लिए प्रतिबद्ध है, पर उसका मानना है कि यह आतंकवाद मुक्त माहौल में ही संभव है. मौजूदा परिस्थितियों में भारत सरकार इस्लामाबाद में प्रस्तावित सम्मेलन में हिस्सा लेने में असमर्थ है.भारत के इस कदम के बाद अफगानिस्तान, बांग्लादेश तथा भूटान ने भी इस्लामाबाद में होने वाले सम्मेलन में शिरकत करने से इनकार कर दिया है, जिसके बाद इसका आयोजन खटाई में पड़ गया है और पाकिस्तान क्षेत्र में अलग-थलग पड़ता नजर आ रहा है.

सूत्रों के अनुसार अफगानिस्तान ने दक्षेस अध्यक्ष नेपाल को मंगलवार को भेजे अपने संदेश में कहा है अफगानिस्तान में थोपे गए आतंकवाद के कारण देश में हिंसा के बढ़ते स्तर को देखते हुए कमांडर-इन-चीफ की हैसियत से राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी की जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं जिसकी वजह से वह सम्मेलन में हिस्सा नहीं ले पाएंगे.

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