चीन के वुहान से निकले कोरोना वायरस ने जहां पूरी दुनिया को परेशान कर रखा है, वहीं ताइवान चीन की परेशानी बन गया है. महज 24 मिलियन की आबादी वाले इस देश ने कोरोना से लड़ाई में जिस कौशल का प्रदर्शन किया है, उसने अमेरिका सहित दुनिया को उसका कायल बना दिया है.
और यही बात चीन से हजम नहीं हो रही है.ताइवान ने न केवल कोरोना पर काबू पाने में सफलता हासिल की है, बल्कि वह अमेरिका, स्पेन, इटली और फ्रांस जैसे कई देशों को मेडिकल सहायता भी प्रदान कर रहा है.
वह इन देशों को 10 मिलियन मास्क देने की घोषणा कर चुका है. दुनिया के लिए ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन का संदेश है एकजुटता बनाये रखना, जिसे चीन से कभी सराहना नहीं मिल सकती.
जब ताइवान द्वारा प्रदान कराई जा रही सहायता के बारे में पूछा गया, तो चीन के जवाब से उसके अंदर के गुस्से का अहसास हो गया. विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में कहा कि वे भी मेडिकल सहायता प्रदान कर रहे थे, शायद कर रहे होंगे.
कोरोना संकट के बीच ताइवान और चीन को देखकर डेविड और गोलायथ की कहानी याद आ जाती है. जिस तरह से आकार में छोटा होने के बावजूद डेविड ने विशालकाय गोलिएथ को मात दी थी, उसी तरह ताइवान भी कोरोना से जंग में खुद को सफल योद्धा साबित करके दुनिया के समक्ष चीन को बौना साबित कर रहा है.
जनवरी की शुरुआत में, जब चीन कोरोनोवायरस के प्रकोप को छिपाने के लिए हाथ-पांव मार रहा था. ताइवान ने संभावित खतरे को भांप कर उसके मुकाबले के लिए तैयारी भी शुरू कर दी थी.
उसने जनवरी में अपने यहां पहले मामले की पुष्टि की और वुहान से आने वाले यात्रियों की बड़े पैमाने पर स्क्रीनिंग शुरू कर दी, ताकि वायरस के फैलाव को समय रहते रोका जा सके.
कोरोना से जंग में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था यानी चीन को विभिन्न देशों और संस्थानों से सहायता लेनी पड़ी है. जबकि दूसरी ओर, ताइवान के पास कोई सहायता नहीं थी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी उस पर प्रतिबंध लगाये हुए थे. इसके बावजूद ताइवान ने खुद को चीन से बेहतर साबित करके दिखाया. खतरे को देखते हुए ताइवान ने मास्क बनाने में मदद के लिए अपनी सेना को तैनात कर दिया है. आज, ताइवान प्रतिदिन 13 मिलियन मास्क का उत्पादन कर रहा है.
इतना ही नहीं यह द्वीप दुनिया के कुछ सबसे अमीर राष्ट्रों की भी सहायता कर रहा है. ताइवान में कोरोना वायरस के सिर्फ 376 मामले सामने आये हैं और पांच लोगों को ही अपनी जान गंवानी पड़ी है. ताइवान वुहान से निकले वायरस को रोकने में काफी हद तक सफल रहा है.