भारत को एनएसजी की सदस्यता न देने पर अमेरिकी सीनेटर खुश

NSG-unlikely

अमेरिकी सीनेटर ने भारत को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता नहीं देने का निर्णय करने के लिए एनएसजी की प्रशंसा की है.अमेरिकी सीनेटर एडवर्ड मार्के ने चीन के नेतृत्व में हुए मजबूत विरोध के मद्देनजर भारत की सदस्यता पर कोई निर्णय लिए बिना एनएसजी की पूर्ण बैठक के सोल में समाप्त होने के कुछ ही घंटों बाद परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की तारीफ की.

मैसाचुसेट्स से जूनियर डेमोक्रेटिक सीनेटर एडवर्ड मार्के ने एक बयान में कहा, एनएसजी ने भारत को प्रवेश देने से रोककर परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) के प्रति अपने दृढ़ समर्थन को आज फिर से दोहराया.उन्होंने शुक्रवार को कहा कि एनएसजी की स्थापना भारत के 1974 के परमाणु परीक्षण की प्रतिक्रिया के तौर पर की गई थी और इसने परमाणु हथियारों के और विस्तार में योगदान कर सकने वाली उस तकनीक को साझा करने से रोकने के लिए दशकों काम किया है.

भारत विरोधी के तौर पर चर्चित मार्के ने कहा, ‘‘यदि भारत को एनएसजी में शामिल कर लिया जाता तो यह संगठन में भागीदार एकमात्र ऐसी सरकार होती जो एनटीपी का कोई पक्ष नहीं होती, जिससे संधि के प्रति एनएसजी की प्रतिबद्धता कमजोर होती. भारत को प्रवेश देने से रोककर एनएसजी ने संधि और व्यापक वैश्विक अप्रसार व्यवस्था दोनों को मजबूत किया है.

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के सदस्य के तौर पर मार्के ने भारत और अमेरिका के बीच असैन्य परमाणु समझौते को पारित होने से रोकने के प्रयासों का असफल नेतृत्व किया है. मार्के ने पिछले महीने कांग्रेस की सुनवाई के दौरान भारत की एनएसजी में सदस्यता के आवेदन का विरोध किया था.

एनएसजी की पूर्ण बैठक शुक्रवार को सोल में समाप्त हुई जिसमें भारत की सदस्यता पर कोई निर्णय नहीं लिया गया.विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, ‘‘सोल में एनएसजी की बैठक में भारत को तुरंत समूह की सदस्यता देने से इंकार कर दिया गया और कहा गया कि जिन देशों ने परमाणु अप्रसार संधि पर दस्तखत नहीं किया है उनकी भागीदारी पर चर्चा जारी रहेगी.’’

Check Also

अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस पहुंचेंगी दक्षिण कोरिया

उत्तर कोरिया द्वारा दो छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल दागे जाने के ठीक एक दिन …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *