अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ आठ एफ-16 लड़ाकू विमान बेचने को मंजूरी दे दी है. भारत ने अमेरिका के इस फैसले पर कड़ा ऐतराज जताया है.पेंटागन के रक्षा एजेंसी ने कहा कि विमान की बिक्री को लेकर शुक्रवार को ही अधिसूचना जारी कर दी गयी थी.एजेंसी ने कहा कि पाकिस्तान को यह लड़ाकू विमान इस उम्मीद से साथ दिया जा रहा है ताकि वह वर्तमान तथा भविष्य में आतंकवाद के साथ-साथ अपनी रक्षा चुनौतियों से भी मुकाबला कर सके.
इससे पहले विदेश मंत्री जॉन केरी को लिखे एक पत्र में रिपब्लिकन पार्टी के एक सीनेटर बाब कोरकर ने पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमान देने पर रोक लगाने की मांग की थी. कोरकर ने कहा था कि पाकिस्तान आतंकवादी समूहों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराता है और वह एक धोखेबाज सहयोगी है.
बाद में राष्ट्रपति ओबामा प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पाकिस्तान को लड़ाकू विमान दिये जाने की वकालत करते हुये कहा था कि पाकिस्तान को अमेरिका की ओर से दी जाने वाली सुरक्षा मदद उसके आतंकवादरोधी और उग्रवादरोधी अभियानों में योगदान देती है.उन्होंने कहा था पाक को यह सहायता आतंकी संगठनों को कमजोर करने के लिये दी जा रही है.
भारत ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष के नाम पर उसे आठ अत्याधुनिक युद्धक विमान एफ-16 देने के अमेरिकी फैसले पर कड़ा ऐतराज जताया है और इसे आधिकारिक रूप से व्यक्त करने के लिये अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा को विदेश मंत्रालय में तलब करने का निर्णय लिया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने शनिवार को यह जानकारी दी.उन्होंने कहा, ‘‘हम ओबामा प्रशासन के पाकिस्तान को एफ-16 विमानों के विक्रय की अधिसूचना जारी करने के निर्णय से निराश हैं. हम उनके इस तर्क से असहमत हैं कि ऐसे हथियार आतंकवाद से लड़ने में सहायक होंगे. इस बारे में पिछले कई वर्षों का (पाकिस्तान का) रिकॉर्ड स्वत: स्पष्ट है.’’प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमारी नाखुशी को व्यक्त करने के लिये विदेश मंत्रालय द्वारा अमेरिका के राजदूत को तलब किया जाएगा.’’