यूएन ने सीरिया में पीस प्रोसेस से जुड़ा रिजोल्यूशन सहमति से मंजूर कर लिया है। काउंसिल ने माना कि अब वहां खून-खराबा रुकना चाहिए। हालांकि, यह भी साफ़ किया गया कि इससे सीरिया में आईएसआईएस के ऊपर जारी हवाई हमले नहीं रुकेंगे। 15 मेंबर्स के बीच यह सहमति एक मीटिंग के दौरान शुक्रवार को बनी। इस दौरान एक ड्राफ्ट में पीस के लिए प्वाइंट्स भी तय कर लिए गए।
ड्राफ्ट में कहा गया है कि जनवरी 2016 से पहले सीरियाई गवर्नमेंट और विपक्षी गुटों को बातचीत के लिए एक साथ लाया जाए।यह भी कहा गया कि बातचीत के साथ-साथ वहां सीजफायर की प्रोसेस भी शुरू हो।हालांकि, यह भी साफ किया गया कि इससे वहां आईएस के खिलाफ चल रही कार्रवाई पर असर न पड़े।ड्राफ्ट में यूएस, रूस और फ्रांस द्वारा आईएसआईएस पर हवाई हमले जारी रखने की बात है।शुक्रवार को न्यूयॉर्क के यूएन हेड ऑफिस में हुई मीटिंग में स्पेन, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, रशियन फेडरेशन सहित 15 काउंसिल मेंबर शामिल हुए।
बैठक में यूएन के सेक्रेटरी जनरल बान की मून भी मौजूद थे।मीटिंग, युद्धग्रस्त सीरिया में खून-खराबा और पलायन रोकने के लिए सीजफायर पर था।यूएस सेक्रेटरी जॉन कैरी ने मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए कहा, “ये प्रस्ताव सभी संबंधित पक्षों को एक मैसेज है, यह सीरिया में मौतों को रोकने का सही वक्त है।” रिपोर्ट्स में काउंसिल के फैसले को रेयर बताया जा रहा है।
सीरिया में लड़ाई का पांचवा साल है अबतक करीब 2 लाख 50 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।यूएन के मुताबिक 1 करोड़ 20 लाख से ज्यादा लोगों को सीरिया छोड़ना पड़ा है।पिछले पांच साल के दौरान सीरिया एक अशांत और युद्ध क्षेत्र में तब्दील हो चुका है। वहां कई मोर्चे बने हुए हैं। एक ओर सीरियन गवर्नमेंट और विपक्षी गुटों के बीच संघर्ष चल रहा है। दूसरी तरफ आईएसआईएस भी सीरिया के काफी बड़े हिस्से पर कब्ज़ा किए खून-खराबा और तबाही मचा रहा है।