राष्ट्रपति पद संभालने के साथ ही जो बाइडेन एक्शन में आ गए हैं. शपथ ग्रहण के कुछ घंटों बाद उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कुछ फैसलों को पलटते हुए कुल 17 फैसले लिए हैं. बाइडेन ने कहा है कि अमेरिका जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय पेरिस जलवायु समझौते में दोबारा शामिल होगा.
इसके साथ ही उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन में पुन: शामिल होने का भी ऐलान किया है. बाइडेन ने 17 कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए हैं और माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में वह कई और महत्वपूर्ण फैसले ले सकते हैं. उन्होंने ट्वीट करके इसके संकेत दिए हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने ट्वीट में लिखा है शपथ ग्रहण करने के बाद मुझे निम्न पर कार्य करने का अधिकार मिल गया है: महामारी नियंत्रण, आर्थिक राहत, जलवायु परिवर्तन और नस्लीय समानता.
बाइडेन ने पहले ही यह साफ कर दिया था कि सत्ता संभालते ही वह देशवासियों के हित से जुड़े मुद्दों पर सबसे पहले काम करेंगे और ट्रंप कार्यकाल में लिए गए गलत फैसलों को बदलेंगे. इसकी शुरुआत उन्होंने पेरिस समझौते में वापसी का ऐलान करके कर दी है.
राष्ट्रपति बाइडेन ने बुधवार को पेरिस जलवायु समझौते में अमेरिका को फिर से शामिल करने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए. इस दौरान उन्होंने कहा कि हम ऐसे जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने जा रहे हैं, जो हमने अब तक नहीं किया है.
बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पेरिस जलवायु समझौता से अमेरिका को बाहर कर लिया था. उनके इस फैसले की आलोचना भी हुई थी. पेरिस जलवायु समझौता ग्लोबल वार्मिंग को सीमित करने के लिए 2015 में किए गए ऐतिहासिक अंतरराष्ट्रीय समझौतों में से एक है.
इसी तरह ट्रंप ने WHO से भी अमेरिका को अलग कर लिया था, लेकिन अब नए राष्ट्रपति ने उनका यह फैसला भी पलट दिया है. व्हाइट हाउस की नई प्रेस सेक्रेटरी जेन साकी ने कहा है कि कार्यकाल के पहले दिन सिर्फ कुछ ही फैसले लिए गए हैं, आने वाले दिनों में कई और महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगाई जाएगी.
वहीं, माना जा रहा है कि बाइडेन कोरोना महामारी को नियंत्रित करने के लिए जल्द कई दूसरे ऐलान भी कर सकते हैं. वह पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की नीतियों की आलोचना कर चुके हैं, लिहाजा अब उन्हें कुछ ऐसा करना होगा जिससे कोरोना के बढ़ते प्रकोप से अमेरिकियों को मुक्ति दिलाई जा सके.
अमेरिका दुनिया में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देश है और इसके लिए डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों को दोषी ठहराया जाता है. ट्रंप शुरुआत से ही कड़े उपायों के खिलाफ रहे और कई मौकों पर उन्हें नियमों का उल्लंघन करते पाया गया. ऐसे में अब जनता को नए राष्ट्रपति से काफी उम्मीदें हैं.