पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि उनकी पूर्ववर्ती सरकारों ने आतंक के मुद्दे पर कभी अमेरिका को सच नहीं बताया। खासकर पिछले 15 सालों में। इमरान को अमेरिकी सांसद शीला जैक्सन ली की तरफ से कैपिटल हिल में रखे गए रिसेप्शन मेें बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि एक समय पाक में 40 अलग-अलग आतंकी संगठन संचालित हो रहे थे, लेकिन हमारी ओर से इनकी जानकारी अमेरिका को नहीं दी गई।इमरान ने कहा हम आतंक के खिलाफ अमेरिका की ही लड़ाई लड़ रहे थे। पाकिस्तान का 9/11 से कोई लेना-देना नहीं है।
अलकायदा भी अफगानिस्तान में था। पाक में तालिबान के आतंकी भी नहीं थे। दुर्भाग्यवश जब चीजें गलत हुईं, जब मैंने देश की सरकार पर आरोप लगाए, तब भी पाक सरकार ने अमेरिका को नहीं बताया कि हमारी जमीन पर क्या हो रहा है।
पाक की जमीन से एक समय 40 आतंकी संगठन संचालित हो रहे थे। यानी हम ऐसे समय से गुजर रहे थे जब हमें सबसे ज्यादा डर था कि अब हम शायद नहीं बच पाएंगे। जब अमेरिका उम्मीद कर रहा था कि हम उसकी लड़ाई में ज्यादा मदद करेंगे, उस समय पाक अपने अस्तित्व की लड़ाई में जुटा था।
इमरान ने कहा मेरा अमेरिकी राष्ट्रपति और अन्य बड़े नेताओं से मिलना बेहद जरूरी थी। हमने उन्हें कह दिया है कि आगे के लिए हमारे रिश्ते आपसी भरोसे पर आधारित होने चाहिए। यह दुखद था कि दोनों देशों के बीच लंबे समय तक भरोसे की कमी रही।
अफगानिस्तान में हम तालिबान को बातचीत के मंच तक लाने में अहम भूमिका निभा चुके हैं। यह बेहद मुश्किल होगा। लेकिन पूरा पाक हमारे साथ है। हमारा और अमेरिका का लक्ष्य एक ही है। इस समस्या का हल है एक शांतिपूर्ण अफगानिस्तान।
इमरान ने तीन दिवसीय दौरा खत्म करने से पहले मंगलवार को ही कैपिटल हिल में हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की स्पीकर नैंसी पेलोसी से मुलाकात की। इससे पहले उन्होंने विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के साथ बैठक में हिस्सा लिया।
दोनों ही मौकों पर इमरान ने पाक-अमेरिका के रिश्तों को बेहतर करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका के नेताओं के सामने कभी पाक की ठीक छवि पेश नहीं हुई।