नासा इको-फ्रेंडली सुपरसोनिक जेट विमान विकसित कर रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार नासा ने 60 लाख डॉलर (करीब 39 करोड़ रुपये) से ज्यादा का फंड सस्ते और हरित सुपरसोनिक विमान पर शोध के लिए खर्च किया है। गौरतलब है कि सुपरसोनिक विमान को चलाने के लिए सामान्य जेट विमानों की तुलना में ज्यादा ईंधन की जरूरत होती है। नासा का कहना है कि सुपरसोनिक विमान सामान्य जेट की तुलना में अधिक ऊंचाई पर उड़ान भरते हैं और बहुत शोर करते हैं।
यह स्ट्रेटोस्फीयर के नजदीक उड़ान भरते हैं और इनमें ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने की क्षमता होती है। अंतरिक्ष एजेंसी 2006 से ही लॉकहीड-मार्टिन और बोइंग जैसी कंपनियों के साथ मिलकर नई पीढ़ी के विमान विकसित करने में जुटी है। इन विमानों की गति तो तेज रहेगी लेकिन इनसे होने वाला शोर कम होगा।