जलवायु परिवर्तन पर ओबामा से मिले मोदी

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पेरिस में चल रही क्लाइमेट चेंज समिट के दौरान सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एन्वायर्नमेंट को बचाए रखने की जिम्मेदारी डेवलप्ड कंट्रीज को जिम्मेदारी निभानी चाहिए। इससे पहले उन्होंने अमेरिकी प्रेसिडेंट बराक ओबामा से मुलाकात की।समझा जाता है कि इस मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच सोलर एनर्जी पर चर्चा हुई। मोदी के पीएम बनने के बाद यह दोनों नेताओं के बीच छठी मुलाकात थी। इससे पहले सितंबर में यूएन जनरल असेंबली के दौरान अमेरिकी में दोनों नेता मिले थे। पेरिस समिट में हिस्सा लेने के बाद मोदी नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

मोदी ने कहा कि, “हमें कार्बन इमिशन कम करना होगा, 2030 तक भारत की योजना 30-35% कम कार्बन इमिशन की है।”पर्यावरण संतुलन पर भारत गंभीर है। इसके लिए ग्लोबल पार्टनरशिप भी जरूरी है।” ये भी बताया कि भारत अपनी जरूरत पूरी करने के लिए क्लीन एनर्जी का प्रयास करेगा। 2022 तक 175GW एनर्जी का लक्ष्य हासिल करना है।

मोदी ने कहा, आबादी का एक बहुत बड़ा हिस्सा गरीबी में है और सूरज डूबने के बाद अंधेरे में जी रहा है। उन्हें अपने घरों में उजाले और फ्यूचर को बेहतर बनाने के लिए एनर्जी की जरूरत है क्योंकि वही लोग सबसे अधिक दुष्परिणाम झेल रहे हैं।उन्होंने ये भी कहा कि हमें क्लाइमेट जजमेंट (जलवायु न्याय) की भावना सुनिश्चित करनी होगी ताकि डेवलपमेंट के रास्ते में कुछ लोगों के जीवन की खातिर बहुत लोगों के अवसरों को खत्म नहीं किया जाए।

मुलाकात के बाद ओबामा की मौजूदगी में मोदी ने ‘सोलर रिच नेशंस’ के अलायंस के गठन का एलान किया।मोदी ने कहा- सारे (121 देश) आज एक साथ मिलकर एक नए संगठन की घोषणा कर रहे हैं। फ्रांस के प्रेसिडेंट और मैं इसे लॉन्च कर रहा हूं।उन्होंने कहा- रिन्यूएबल एनर्जी, सोलर एनर्जी के जरिए दुनिया के सभी देश प्रकृति के अनुरूप चलने का काम कर रहे हैं।मोदी ने कहा, ”मैं ओबामा से लगातार मिलता रहता हूं। और हमारे बीच सार्थक बातचीत होती रहती है। मैं उनका आभारी हूं, हम खुल कर बात करते हैं।”
मोदी की हाईवोल्टेज डिप्लोमैसी

सोमवार को मोदी ने पेरिस में सबसे पहले फ्रांस के प्रेसिडेंट फ्रांस्वा ओलांद से मुलाकात की।इसके बाद मोदी और पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ के बीच हैंडशेक हुआ। दोनों ने सोफे पर बैठकर दो मिनट तक बातचीत भी की।नवाज के बाद मोदी जापान के पीएम शिंजो आबे से मिले।अफगानिस्तान के प्रेसिडेंट अशरफ गनी से मुलाकात की।

वर्ल्ड बैंक के प्रेसिडेंट जिम किम, श्रीलंका के प्रेसिडेंट एम श्रीसेना, बोलिविया के प्रेसिडेंट इगो मोरालस और साउथ अफ्रीका के प्रेसिडेंट जैकब जुमा से भी मिले।इससे पहले पेरिस क्लाइमेट समिट में इंडियन पैवेलियन का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पीच दी। उन्होंने कहा कि क्लाइमेट चेंज दुनियाभर के लिए बड़ा चैलेंज है। हम चाहते हैं कि पूरी दुनिया तुरंत एक्शन ले। पीएम ने यह भी कहा कि मानवता और नेचर के बीच बैलेंस बनाने के लिए हमें समझौते की शर्तों पर कायम रहना होगा। उन्होंने क्लाइमेट चेंज पर बुक रिलीज की।

समिट में प्रधानमंत्री ने कहा कि ग्लेशियर्स तेजी से पिघल रहे हैं। यह बेहद चिंता की बात है।ग्लोबल लेवल पर इस ओर तुरंत कार्रवाई करने की कोशिश की जानी चाहिए।पीएम मोदी ने कहा, “समिट का नतीजा हम सब के लिए बेहद अहम है। लिहाजा, इस पर फौरन एक्शन लेने की जरूरत है।”प्रधानमंत्री ने क्लाइमेट चेंज को लेकर भारत में किए जा रहे बदलाव के बारे में भी बताया।उन्होंने कहा कि पॉल्यूशन कम करने के लिए 2030 तक 40 फीसदी बिजली हमने नॉन फॉसिल फ्यूल के जरिए पैदा करने का फैसला लिया है।

पेरिस हमलों के मद्देनजर यहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।रिपोर्ट के मुताबिक, क्लाइमेट चेंज समिट के दौरान 1,20,000 पुलिसकर्मियों और सैनिकों की तैनाती की गई है।इसके अलावा, कुछ इलाकों में आवाजाही पर भी रोक लगाई गई है।

बता दें कि भारत ने क्लाइमेट चेंज पॉलिसी के लिए आठ टारगेट तय किए हैं। इसमें ग्रीन हाउस गैसों में से एक कार्बन इमिशन में 33-35 पर्सेंट की कटौती की बात है।वहीं, पॉल्यूशन कम करने के लिए 2030 तक 40 पर्सेंट बिजली सोलर और विंड एनर्जी के जरिए पैदा करने का फैसला किया है।इसके अलावा इतने फॉरेस्ट डेवलप किए जाएंगे, जो 2.5 से 3 टन कार्बन डाइऑक्साइड सोखेंगे। शुरुआती अनुमान के मुताबिक, भारत को इसके लिए करीब 14 लाख करोड़ रुपए खर्च करने पड़ेंगे।

यह मीटिंग क्लाइमेट चेंज से जुड़े मुद्दों पर होने वाली है। इसमें ग्रीनहाउस गैस इमिशन में कमी लाने को लेकर चर्चा होगी। इसे औपचारिक रूप से कॉप-21 के तौर पर भी जाना जाता है। इस दौरान वर्ल्ड लीडर खतरनाक तरीके से बढ़ते ग्लोबल एवरेज टेम्प्रेचर से बचने के लिए अपनी-अपनी बात रखेंगे।

इस समिट में पीएम मोदी, यूएस प्रेसिडेंट बराक ओबामा, रूसी प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन, चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग, ब्रिटिश पीएम डेविड कैमरन और फ्रांस के प्रेसिडेंट फ्रांस्वा ओलांद के अलावा 190 से ज्यादा देशों के स्टेट हेड हिस्सा ले रहे हैं।

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