कंसास के गवर्नर सैन ब्राउनबैक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पिछले महीने भारतीय नागरिकों के खिलाफ हुई हिंसा को लेकर गहरा अफसोस जताया है और कहा कि उनके राज्य में नफरत और असहिष्णुता के लिए कोई स्थान नहीं है। पिछले महीने अमेरिकी नौसेना के पूर्व जवान एडम प्यूरिंटन ने गोलीबारी की थी जिसमें 32 साल के भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर श्रीनिवास कुचिबोतला की मौत हो गई थी और आलोक मदसानी नामक भारतीय घायल हो गया था।
कंसास की घटना और भारतीय मूल के लोगों के खिलाफ नस्ली नफरत के अपराधों के ताजा मामलों से यहां का भारतीय समुदाय स्तब्ध है। ब्राउनबैक ने लिखा कंसास प्रांत के गवर्नर के तौर पर मैं श्रीनिवास कुचिबोतला और आलोक मदसानी के खिलाफ अंजाम दी गई हिंसा की भयावह घटना को लेकर गहरा दुख और अफसोस प्रकट करना चाहता हूं। कंसास के लोग भी मेरे साथ स्तब्ध हैं। श्रीनू की पत्नी सुनैना और उनके परिवार के लिए हमें जो दुख हुआ है उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा श्रीनू की मौत के बाद से हमने उनकी जिंदगी पर गौर किया और मैंने बार बार यह शब्द सुना है कि वह साहसी थे और वह अपने परिवार से बहुत प्यार करते थे तथा वह बड़ों सम्मान करते थे। हम श्रीनू की साहस, प्रेम और सम्मान की मिसाल को जिंदा रखने का प्रयास करेंगे। इस पत्र पर तीन मार्च की तारीख है। ब्राउनबैक ने कहा कि कंसास में नफरत और असहिष्णुता के लिए कोई स्थान नहीं है।
भारतीय अमेरिकियों ने एक आॅनलाइन याचिका शुरू करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से अपील की थी कि वह कंसास में नस्लवाद से प्रेरित उस घातक गोलीबारी की स्पष्ट तौर पर निंदा करें। जिसके बाद ट्रंप ने कंसास में भारतीय इंजीनियर की हत्या पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि अमेरिका घृणा एवं बुराई के सभी रूपों की एकजुट होकर निंदा करता है और देश में नस्लभेद की कोई जगह नहीं है।
श्रीनिवास कुचिभोटला की पत्नी सुनयना ने अपने पति का सपना साकार करने के लिए अमेरिका वापस जाने की इच्छा जताई है। सुनयना ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, श्रीनिवास के लिए मैं इतना तो कर सकती हूं कि उनके सपनों को अपनी आंखों के जरिए पूरा करूं और इसके लिए मुझे अमेरिका वापस लौटना होगा।