राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ताजपोशी के बाद उठाए गए सबसे बड़े कदमों में से एक एच-1बी वीजा बिल अमेरिकी संसद में पेश हो गया है.इस बिल के तहत वीजाधारकों के न्यूनतम वेतन को दोगुना करके एक लाख 30 हजार अमेरिकी डॉलर करने का प्रस्ताव है.भारतीय आईटी कंपनियों के लिए ये एक बुरी खबर है यही वजह है कि बिल पेश होने के बाद आईटी शेयर नीचे जा रहे हैं. भारत की शीर्ष 5 आईटी कंपनियों की मार्केट वैल्यू 50 हजार करोड़ तक गिर गई
अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में पेश इस एच-1बी बिल के चलते अमेरिकी कंपनियों के लिए विदेशी मूल के कर्मचारियों की भर्ती कठिन हो जाएगी. भारत के सॉफ्टवेयर उद्योग पर इसका खासा असर पड़ सकता है.द हाई स्किल्ड इंटेग्रिटी एंड फेयरनेस एक्ट ऑफ 2017 नाम के इस विधेयक के पास होने के बाद उन कंपनियों को एच-1बी वीजा देने में तरजीह मिलेगी जो ऐसे कर्मचारियों को दो गुना वेतन देने के लिए तैयार होंगे.