चीन की धमकियों का जवाब देने के लिए भारतीय फौज पूरी मुस्तैदी के साथ तैनात हो गई है. मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी कहा जा रहा है कि भारतीय फौजियों ने सीमा से सटे नाथंग गांव को खाली करा दिया है. इन दोनों देशों के बीच जारी तनाव के बीच अमेरिका की भी एंट्री हो गई है. अमेरिकी नेवी ने ऐसा कदम उठाया है जो चीन की मुश्किलें बढ़ा सकता है.
अमेरिका ने अपना युद्धपोत चीन सागर के करीब पहुंचा दिया है. न्यूज एजेंसी रायटर के मुताबिक अमेरिकी युद्धपोत चीन के कृत्रिम द्वीप के नजदीक पहुंच गया है. अमेरिका के इस कदम के बाद चीन ने इस पर चिंता जाहिर की है.नौसेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दक्षिण चीन सागर में नौवाहन की स्वतंत्रता अभियान के दौरान अमेरिकी युद्धपोत इस जगह तक पहुंचा था.
उन्होंने बताया कि चीन सागर में जिस समय अमेरिकी युद्धपोत यूएसएस जान एस मैकेन (USS John S. McCain) पहुंचा तब वहां चीनी युद्ध पोत भी मौजूद था. अमेरिकी युद्धपोत मिस्चिफ रीफ में मौजूद है. न्यूज एजेंसी के मुताबिक ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि जिस वक्त अमेरिकी और चीनी युद्धपोत आमने-सामने थे, उस समय वहां के क्या हालात थे.
ये भी साफ नहीं हो पाया है कि चीनी नेवी ने अमेरिकी युद्धपोत पर तैनात सैनिकों से क्या बातें कीं.अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद यह तीसरा स्वतंत्र नौवहन अभियान है. बीजिंग की ओर से रणनीतिक समुद्री क्षेत्र में नौवहन सीमित किए जाने के विरोध में अमेरिका ने यह अभियान चला रखा है.
इसी बीच अमेरिका और चीन को लेकर तनातनी का एक और मामला सामने आया है. उत्तर कोरिया ने अमेरिकी द्वीप गुआम पर हमले का वक्त मुकर्रर करने की बात कही है. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति ने उत्तर कोरिया पर बममारी करने की चेतावनी दी है. इन दोनों बयानों के बीच चीन की ओर से एक बयान आया है.चीनी सरकारी मीडिया ने कहा कि अगर पहले अमेरिका ने नॉर्थ कोरिया पर हमला किया तो बीजिंग मामले में दखल देगा. चुप नहीं बैठेगा.
पर अगर पहले नॉर्थ कोरिया ने यूएस पर हमला किया तो बीजिंग तटस्थ रहेगा.चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने एडिटोरियल में कहा अगर नॉर्थ कोरिया ने अब मिसाइल लॉन्च किए, जो अमेरिका और उसके सहयोगियों को धमकी होगी तो ऐसी स्थिति में चीन तटस्थ रहेगा. पर अगर अमेरिका और साउथ कोरिया ने हमले किए. नॉर्थ कोरियाई शासन को खत्म करने और कोरियाई पेनिनसुला के पॉलिटिकल पैटर्न को बदलने की कोशिश की तो चीन उन्हें ऐसा करने से रोक देगा.