अमेरिकी सैन्य ठिकानों को चीन मिनटों में तबाह कर सकता है.अमेरिका के एक सैन्य विशेषज्ञ ने यह दावा किया है. विशेषज्ञ का कहना है कि चीन पहले ही प्रशांत महासागर में स्थित अमेरिकी और जापानी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए एक मॉक ड्रिल कर चुका है. रिपोर्ट में नेवी के पूर्व कमांडर थामस शुगॉर्ट ने अपनी रिपोर्ट वार ऑन द रॉक्स में चीन के सैन्य ढांचे का गहरा विश्लेषण किया है.
शुगार्ट ने जापान में अमेरिकी सैन्य ठिकानों और चीन के सैन्य ठिकानों को तुलनात्मक अध्ययन किया है. रिपोर्ट में शुगार्ट ने यह बताने की कोशिश की है कि संघर्ष शुरू होने की स्थिति में बीजिंग कितनी जल्दी अमेरिकी एवं जापान के सैन्य ठिकानों को तबाह कर सकता है.रिपोर्ट के मुताबिक शुगॉर्ट का कहना है कि अंतरिक्ष आधारित अमेरिकी मिसाइल वार्निंग सिस्टम को छोड़ी गई मिसाइल को डिटेक्ट करने में आमूमन 10 से 15 मिनट लगते हैं.
अमेरिकी वार्निंग सिस्टम को बेहद ही कम समय में मिसाइल को डिटेक्ट करने और उसका आकलन करने के साथ-साथ दुनिया भर में स्थित अमेरिकी सैन्य प्रतिष्ठानों को आगाह करना होगा. लेकिन यह काफी मुश्किल है. शुगॉर्ट ने आशंका जताई है कि ऐसे में परिणाम काफी घातक हो सकते हैं. शुगॉर्ट ने अमेरिकी सेना और उसके सहयोगी जापान को ऐसे किसी भी टकराव से बचने के लिए प्रतिरोधात्मक प्रशिक्षण उपाय करने की सलाह दी है.
हालांकि, अमेरिका और चीन ने सैन्य टकराव की ओर बढ़ने का संकेत नहीं दिया है. डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद वाशिंगटन और बीजिंग के रिश्तों में कड़वाहट देखने को मिली है. राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने चीन की व्यापार नीति पर हमले तेज किए हैं. अमेरिका ने जापान में अपने सैन्य ठिकाने बना रखे हैं तो साथ ही वो दक्षिण चीन सागर के विवादित द्वीपों को लेकर चीन को चेतावनी भी दे रहा है.