अमेरिकी फार्मा कंपनी मॉडर्ना ने किया अपनी कोरोना वैक्सीन के 94 प्रतिशत से ज्यादा कामयाब होने का दावा

अब अमेरिकी फार्मा कंपनी मॉडर्ना ने अपनी कोरोना वैक्सीन के 94 प्रतिशत से ज्यादा कामयाब होने का दावा किया है. अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना को ट्रायल पूरा होने पर बधाई दी है.

डोनाल्ड ट्रंप ने भी कंपनी को बधाई देते ट्रायल पूरे होने का क्रेडिट लेने की कोशिश की. ट्रंप ने कहा है कि अमेरिकी वैक्सीन से चीन की महामारी का अंत होगा. उन्होंने वैक्सीन ट्रायल पूरे होने का क्रेडिट भी लिया.

दिलचस्प बात ये है कि 9 नवंबर को फाइजर ने सबसे पहले अपनी वैक्सीन के 90 प्रतिशत तक कामयाब होने का दावा किया.11 नवंबर को रुस की स्पूतनिक वी ने दावा किया कि उनकी वैक्सीन 92 प्रतिशत तक कोरोना से लड़ने में कारगर है और अब 94 प्रतिशत सफलता दर के साथ तीसरी वैक्सीन भी सामने आ गई है.

फाइजर वैक्सीन के माइनस 70 डिग्री सेल्सियस तापमान पर स्टोर करने को एक चुनौती माना जा रहा था. ऐसे में मॉडर्ना ने दावा किया है कि उनकी वैक्सीन साधारण फ्रिज के तापमान पर स्टोर हो सकती है और 6 महीने तक वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए उसे केवल माइनस 20 डिग्री सेंटिग्रेट की जरूरत होती है.

इस बीच भारत भी वैक्सीन की रेस में अपनी रफ्तार से चल रहा है.  स्वदेशी वैक्सीन पर भी एक अपडेट आया है. बड़ी बात ये है कि भारतीय वैक्सीन सबसे पहली हो या न हो लेकिन ये वैक्सीन दुनिया की सबसे सस्ती वैक्सीन जरूर हो सकती है.

हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक, India Council for Medical Research यानि आईसीएमआर और National institute of Virology पुणे मिलकर जिस को-वैक्सीन पर काम कर रहे हैं, उसके तीसरे और सबसे अहम चरण के ट्रायल शुरू हो गए हैं.

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