अमेरिका में न्यायाधीश ने राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रंप के सात मुस्लिम बहुल देशों के लोगों के लिए लगाए गए यात्रा प्रतिबंध आदेश पर अस्थाई रूप से रोक लगा दी है। ट्रंप ने इसकी कड़ी आलोचना की है इसे न्यायिक दखलअंदाजी करार दिया है। समाचार एजेंसी एफे न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने बुधवार को कहा कि वे होनोलुलू संघीय अदालत के आदेश को पलटवाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय जाएंगे।
ट्रंप ने टेनेसी प्रांत के नैसेविले में आयोजित एक रैली में कहा हम इस खराब आदेश के खिलाफ लड़ेंगे। जहां तक जरूरत होगी, हम इस मामले को ले जाएंगे। हम इस मामले को सर्वोच्च न्यायालय तक ले जाएंगे।अदालत ने यह आदेश नए यात्रा प्रतिबंध के गुरुवार को लागू होने से कुछ ही देर पहले दिया।हवाई, मेरीलैंड और वाशिंगटन प्रांतों ने नए कार्यकारी आदेश के खिलाफ आवाज बुलंद की थी, जिस पर ट्रंप ने 6 मार्च को हस्ताक्षर किया था।
हवाई प्रांत ने कहा कि यह आदेश राष्ट्रीयता के आधार पर भेदभावकारी है और प्रांत को निवासियों के छह मुस्लिम बहुल देशों में अपने रिश्तेदारों से मिलने जाने को असंभव बना सकता है।प्रांत ने यह भी कहा कि इस यात्रा प्रतिबंध से प्रांत के बड़े पर्यटन उद्योग को भी धक्का पहुंचेगा, साथ ही विदेशी छात्रों का आकर्षित करने का तथा विदेशी कामगारों को भर्ती करने पर भी असर पड़ेगा।
इस संबंध में ट्रंप के पहले कार्यकारी आदेश पर भी एक संघीय अदालत ने 27 जनवरी को रोक लगा दी थी। इसके बाद ट्रंप ने प्रतिबंध लगाए गए देशों की सूची से स्थाई अमेरिकी नागरिकों और इराक का नाम हटा दिया था और नए आदेश पर हस्ताक्षर किया था।