खराब भोजन की लगातार मिल रही शिकायतों से परेशान रेल मंत्रालय ने लाइसेंसी वेंडरों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है.रेलवे में सोमवार से खानपान की नई नीति लाई गई है. नई खानपान नीति-2017 में भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) खुद खाना बनवाएगा और उसकी गुणवत्ता पर खुद निगरानी भी रखेगा. लेकिन ट्रेनों में खाना परोसने के काम के लिए आउटसोर्सिग की जाएगी.
इस तरह से आईआरसीटीसी देशभर में अपने बेस किचन को स्थापित करेगा. इससे यह माना जा रहा है कि खानपान सेवाओं में दर, गुणवत्ता और वजन की शिकायतें कम होंगी.रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने सोमवार को रेलभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में नई खानपान नीति-2017 को लागू करने की घोषणा की.
इस नई नीति के साथ ही अब जोनल रेलवे के तहत कार्य कर रही चार बेस कैंटीन नागपुर, सीएसटीएम, बीसीटी और बलारसाह आईआरसीटीसी को दे जाएंगी.इसके अलावा आईआरसीटीसी देशभर में बेस किचन बनाएगा और इसके लिए भूमि रेलवे देगा. इसी के साथ ए1 व ए श्रेणी स्टेशनों के रिफ्रेशमेंट रूम व जन आहार, बेस किचन भी आईआरसीटीसी को सौंपी जाएगी.
रेलवे ने ट्रेनों से पेंट्रीकार को भी धीरे-धीरे हटाने का फैसला किया गया है. पेंट्रीकार में खाना पकाया नहीं जाएगा बल्कि बेस किचन में तैयार खाना रास्ते में ट्रेन में चढ़ाया जाएगा.इसी तरह से स्टेशनों पर स्टॉलों के भी लाइसेंस नवीनीकृत नहीं होंगे बल्कि उनको भी खुली निविदा के आधार पर आवंटित किया जाएगा.इस मौके पर रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए एर्नाकुलम से हावड़ा के बीच पहली अंत्योदय एक्सप्रेस ट्रेन और श्रीगंगानगर से तिरुचिरापल्ली के बीच चौथी हमसफर ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
इसके अलावा रेलमंत्री ने रेलवे पार्सल ढुलाई के कारोबार में डाक विभाग को भी भागीदार बनाया.इसके लिए हावड़ा-गुवाहाटी डिब्रुगढ़ कामरूप एक्सप्रेस, हैदाराबाद-हावड़ा ईस्ट कोस्ट एक्सप्रेस, मुंबई-हावड़ा हावड़ा मेल, हैदराबाद-निजामुद्दीन दिल्ली दक्किन एक्सप्रेस और हैदराबाद-तिरुवनंतपुरम साबरी एक्सप्रेस में डाक विभाग से भागीदारी की है. इसके अलावा कई अन्य ट्रेनों में भी पार्सल ढुलाई के लिए डाक विभाग को सुविधा दी हैं और इसके दर निर्धारित किए गये हैं.