Pitru Paksha Shraddh Vidhi Hindi “श्रद्धया इदं श्राद्धम्” भावार्थ है प्रेत और पित्त्तर के निमित्त, उनकी आत्मा की तृप्ति के लिए श्रद्धापूर्वक जो अर्पित किया जाए वह श्राद्ध है। “भरत किन्ही दशगात्र विधाना” ऐसा रामचरित मानस में भी वर्णन आता है। जो इस धार्मिक क्रिया का सबसे सटीक प्रमाण है। हिन्दु धर्म के शास्त्रों में तीन प्रकार के ऋण कहे …
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