मतंग ऋषि पशु-पक्षियों के प्रति काफी स्नेह रखते थे। अक्सर वह अध्ययन और ईश्वरोपासना के बाद पक्षियों के साथ खेलने लग जाते थे। गौरैया और कौवे उनके इशारे पर जमीन पर उतर आते और उनके कंधों व हाथों पर बैठ जाते थे। एक दिन जब वे पक्षियों के बीच चहक रहे थे तभी अनंग ऋषि वहां आए। वह मतंग ऋषि …
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