Tag Archives: free sms love

इंडिया का मच्छर

अंग्रेज को मच्छर काट रहे थे, उसने सारी लाइट बंद करदी, तभी रूम में जुगनू आया… अंग्रेज -O MY GOD ” इंडिया का मच्छर साला टोर्च लेकर ढूंढ़ रहा है.”

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तकदीर लिखने वाले

तकदीर लिखने वाले एक एहसान लिख दे, मेरे दोस्त की तकदीर में मुस्कान लिख दे, ना मिले जिन्दगी में कभी भी दर्द उसको, चाहे उस की किस्मत में मेरी जान लिख दे..

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कितनी चूड़ियां हैं?

एक बार बादशाह अकबर ने बीरबल से पूछा, “बीरबल, तुम दिन में अपनी पत्नी का हाथ एक या दो बार तो अवश्य ही पकड़ते होंगे। क्या तुम बता सकते हो कि तुम्हारी पत्नी की कलाई में कितनी चूड़ियां हैं?” यह सुनकर बीरबल असमंजस में पड़ गए। उन्होंने पहले कभी पत्नी के हाथ की चूड़ियों की गिनती नहीं की थी। कुछ …

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हद-ए-शहर से

हद-ए-शहर से निकली तो गाँव गाँव चली, कुछ यादें मेरे संग पांव पांव चली, सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ, वो जिंदगी ही क्या जो छाँव छाँव चली।

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मुझे नहीं चाहिए मोटर साइकिल

बड़े गुस्से से मैं घर से चला आया .. इतना गुस्सा था की गलती से पापा के ही जूते पहन के निकल गया मैं आज बस घर छोड़ दूंगा, और तभी लौटूंगा जब बहुत बड़ा आदमी बन जाऊंगा… जब मोटर साइकिल नहीं दिलवा सकते थे, तो क्यूँ इंजीनियर बनाने के सपने देखतें है….. आज मैं पापा का पर्स भी उठा …

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मेरे दिल की दुनिया

मेरे दिल की दुनिया पे तेरा ही राज था। कभी तेरे सीर पर भी वफाओ का ताज था। तूने मेरा दिल तोडा पर पता न चला तुझको। क्योंकि टुटा दिल दीवाने का बे आवाज था।

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एक आरज़ू सी दिल में

एक आरज़ू सी दिल में अक्सर छुपाये फिरता हूँ, प्यार करता हूँ तुझसे पर कहने से डरता हूँ, कही नाराज़ न हो जाओ मेरी गुस्ताखी से तुम, इसलिए खामोश रहके भी तेरी धडकनों को सुना करता हूँ …!

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चार पत्नियाँ (जीवन की सच्चाई)

एक आदमी की चार पत्नियाँ थी। वह अपनी चौथी पत्नी से बहुत प्यार करता था और उसकी खूब देखभाल करता व उसको सबसे श्रेष्ठ देता। वह अपनी तीसरी पत्नी से भी प्यार करता था और हमेशा उसे अपने मित्रों को दिखाना चाहता था। हालांकि उसे हमेशा डर था की वह कभी भी किसी दुसरे इंसान के साथ भाग सकती है। …

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न मिले किसी का

न मिले किसी का साथ तो हमें याद करना, तन्हाई महसूस हो तो हमें याद करना…., खुशियाँ बाटने के लियें दोस्त हजारो रखना, जब ग़म बांटना हो तो हमें याद करना..

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रस्मे उल्फत को

रस्मे उल्फत को निभाए तो निभाए कैसे, हरतरफ आग है ,दामन को बचाए कैसे। बोझ होता जो गमों का तो उठा भी लेते, जिंदगी बोझ बनी तो फिर उठाए कैसे।

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