शीतला चालीसा जय जय श्री शीतला भवानी। जय जग जननि सकल गुणधानी॥ गृह गृह शक्ति तुम्हारी राजती। पूरन शरन चंद्रसा साजती॥ विस्फोटक सी जलत शरीरा। शीतल करत हरत सब पीड़ा॥ मात शीतला तव शुभनामा। सबके काहे आवही कामा॥ शोक हरी शंकरी भवानी। बाल प्राण रक्षी सुखदानी॥ सूचि बार्जनी कलश कर राजै। मस्तक तेज़ सूर्य सम साजै॥ चौसट योगिन संग दे …
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