शरद पूर्णिमा को चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण रहता है और माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा से कुछ विशेष दिव्य गुण प्रवाहित होते हैं. इसलिए इसे कोजागरी पूर्णिमा व रस पूर्णिमा भी कहा जाता है. कई वैद्य इस दिन जीवन रक्षक विशेष औषधियों के निर्माण करते हैं. हिंदू परंपरा में रस पूर्णिमा का विशेष स्थान है. गायत्री परिवार …
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