चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को सौरि व्रत रखा जाता है। नारद पुराण के अनुसार इस दिन ही ब्रह्माजी ने सम्पूर्ण सृष्टि की रचना की थी। इसलिए अमावस्या के बाद जो प्रतिपदा तिथि प्राप्त होती है, उस दिन किए गए व्रत को सौरि व्रत कहते हैं। इस दिन भगवान ब्रह्मा की पूजा की जाती है। सौरि व्रत …
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Roatak Vrat vidhi । रोटक व्रत विधि
रोटक व्रत श्रावण महीने की शुक्ल प्रतिपदा को रखा जाता है। नारद पुराण के अनुसार श्रवण महीने के पहले सोमवार से लेकर करीब साढ़े तीन महीने तक यह व्रत किया जाता है। इस व्रत में विशेष रूप से भगवान शिव की सोमेश्वर नाम से पूजा की जाती है। रोटक व्रत विधि (Rotak Vrat Vidhi in Hindi) नारद पुराण के अनुसार …
Read More »Margh Shirsh Purnima Vrat vidhi । मार्ग शीर्ष पूर्णिमा व्रत विधि
पूर्णिमा व्रत हर मास में रखा जाता है। प्रत्येक मास में व्रत की विधियां अलग- अलग होती हैं। मार्ग शीर्ष पूर्णिमा व्रत सभी कामनाओं की सिद्धि करने वाला माना जाता है। मार्ग शीर्ष पूर्णिमा व्रत विधि (Margh Shirsh Purnima Vrat in Hindi) नारद पुराण के अनुसार इस दिन शांत स्वभाव वाले ब्राह्मण को दान करना चाहिए। इस दिन व्रती के …
Read More »Vaishakh Purnima Vrat vidhi । वैशाख पूर्णिमा व्रत विधि
वैशाख माह की पूर्णिमा के दिन धर्मराज व्रत रखा जाता है। नारद पुराण के अनुसार इस दिन व्रती जितने द्रव्य ब्राह्मण को दान करता है उसको उतने ही शुभ फल प्राप्त होते हैं। यह व्रत धर्मराज की संतुष्टि के लिए रखा जाता है। वैशाख पूर्णिमा व्रत विधि (Vaishakh Purnima Vrat Vidhi in Hindi) नारद पुराण के अनुसार पूर्णिमा के दिन …
Read More »Netra Vrat vidhi । नेत्र व्रत विधि
नेत्र व्रत चैत्र शुक्ल पक्ष की द्वितीय को रखा जाता है। नारद पुराण के अनुसार इस व्रत के पुण्य से व्यक्ति को ब्रह्मलोक प्राप्त होता है। इस दिन बाल चंद्रमा और भगवान ब्रह्मा की पूजा करने का विधान है। नेत्र व्रत विधि (Netra Vrat Vidhi in Hindi) नारद पुराण के अनुसार पूरे विधिपूर्वक सप्त अनाज तथा गन्ध आदि से ब्रह्मा …
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