मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ओंकारेश्वर में विश्व का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पार्क स्थापित किया जा रहा है। इसके साथ ही सौर ऊर्जा से बिजली की कमी दूर करने, निवेश आकर्षित करने और पर्यावरण सरंक्षण के हर संभव प्रयास जारी हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने राजधानी के मिंटो हॉल में आयोजित कार्यक्रम में आगर, शाजापुर और नीमच में 1500 मेगावाट की सौर परियोजनाओं के विकासकों को लेटर ऑफ अवार्ड देते हुए कहा, प्रदेश में सौर ऊर्जा की दर देश में समकालीन न्यूनतम दर है।
निरंतर जारी नवाचारों और तकनीक के बल पर प्रदेश में दो रुपए 14 पैसे प्रति यूनिट सौर ऊर्जा का टेरिफ प्रदान किया जा रहा है। एशिया का सबसे बड़ा और पहला सोलर प्लांट नीमच में स्थापित किया गया था। रीवा के आदर्श प्लांट से दिल्ली मेट्रो को सौर ऊर्जा दी जा रही है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि निवेशक राज्य के मित्र हैं। प्रदेश में उद्योगों के लिए बेहतर वातावरण है। यहां दक्ष मानव संसाधन, राज्य सरकार की अच्छी टीम और एक टेबल पर त्वरित समाधान की सुविधा उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वामिर्ंग के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए कार्बन उत्सर्जन गैसों को नियंत्रित करना जरूरी है। ताप विद्युत ग्रहों के लिए कोयला की पूर्ती जरूरी है, जिससे जंगलों पर संकट बढ़ता है।
आने वाली पीढ़ी को यदि हमें प्रकृति को संरक्षित रूप से सौंपना है तो ग्रीन एनर्जी- क्लीन एनर्जी की ओर ध्यान देना होगा। सौर ऊर्जा- अक्षत ऊर्जा है जो कभी समाप्त नहीं होगी। मध्यप्रदेश में वर्ष के तीन सौ से अधिक दिनों तक सूर्य का निरंतर प्रकाश रहता है। मध्यप्रदेश ग्रीन लंग्स ऑफ इंडिया है।
ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग ने कहा कि सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना में मध्यप्रदेश लगातार कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। हाल ही में 15 सौ मेगावाट की आगर-शाजापुर-नीमच सोलर पार्क के लिए हुई बिडिंग में देश में सबसे कम सोलर टेरिफ का रिकार्ड बना है।