मध्य प्रदेश में रेमडेसिवीर की कालाबाजारी करने वालों पर लगाई गई रासुका

मध्य प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमितों की वजह से रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग बढ़ गई है. जिसकी वजह से इसकी कालाबाजारी भी शुरू हो गई. इसे देखते हुए मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार सख्त हो गई है.

इसी के तहत गुरुवार को जबलपुर में रेमडेसिविर इंजेक्शन ब्लैक में बेचने वाले दो आरोपियों पर रासुका के तहत कार्रवाई की गई है.दोनों आरोपियों को छह महीने तक सेंट्रल जेल में बंद करने का आदेश जारी हुआ है.

प्रदेश में दवाओं की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ पहली बार रासुका के तहत कार्रवाई की गई है.कोरोना वायरस की वजह से प्रदेश में दवाओं की बढ़ती कालाबाजारी को रोकने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐसा करने वालों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई का आदेश दिया था.

इसके बाद जबलपुर में यह कार्रवाई की गई.दवाओं की कालाबाजारी रोकने के लिए SDM आशीष पांडे की अगुवाई में एक टीम ने 11 अप्रैल को मढ़ाताल स्थित न्यू मुनीष मेडिकोज में छापेमारी की थी. इस दौरान टीम ने पुष्पक नगर निवासी सुदामा और कटियाघाट गौर निवासी नितिन को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए पकड़ा था.

जिसके बाद ड्रग इंस्पेक्टर फूड एंड एडमिनिस्ट्रेशन रामलखन पटेल ने 12 अप्रैल को ओमती थाने में FIR दर्ज कराई थी. आरोपियों ने कार्तिक अग्निहोत्री से 18 हजार रुपए में रेमडेसिविर का सौदा किया था. जिसके बाद पुलिस ने 13 अप्रैल को दोनों जेल भेज दिया था.

हालांकि मामले में अभी मेडिकल स्टोर संचालक कामेश राजानी व कांचघर निवासी गौरव शर्मा की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है.SP सिद्धार्थ बहुगुणा ने इस मामले में दोनों आरोपियों के खिलाफ ओमती पुलिस को NSA का प्रतिवेदन तैयार करने का निर्देश दिया था.

यह प्रतिवेदन एसपी की तरफ से जिलाधिकारी के समक्ष पेश किया था. इसके बाद दोनों आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की धारा 3, सहपठित धारा 2 के तहत प्रतिबंधात्मक का आदेश जारी हुआ.

Check Also

मध्य प्रदेश में कारम बांध रिसाव मामले को लेकर सड़क पर धरने पर बैठे कमलनाथ

मध्य प्रदेश में कारम बांध रिसाव मामले को लेकर कांग्रेस विधायक पांची लाल मेड़ा ने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *