मध्य प्रदेश में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह 24 घंटे के स्वास्थ्य आग्रह पर बैठे तो रविवार को 12 जिलों में पूर्णबंदी यथावत रहेगी। राज्य के बड़े हिस्से में कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है। सबसे ज्यादा मरीज 12 जिलों में आ रहे हैं। पॉजिटिविटी दर भी बढ़ी है।सर्वाधिक पॉजिटिविटी रेट 20 प्रतिशत भोपाल में है।
इसके अलावा इंदौर, बड़वानी, नरसिंहपुर और खरगोन में 15-15 प्रतिशत, रतलाम में 14 प्रतिशत, बैतूल में 13 प्रतिशत, जबलपुर में 12 प्रतिशत और ग्वालियर और उज्जैन में 9 प्रतिशत पॉजिटिविटी रेट है। प्रदेश के कुल कोरोना संक्रमित रोगियों में से 61 प्रतिशत रोगी होम आईसोलेशन में हैं, और 39 प्रतिशत रोगी अस्पतालों में भर्ती हैं।
कोरोना का संक्रमण जिन 12 जिलों में ज्यादा है भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, विदिशा, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, बड़वानी, बैतूल, खरगोन और रतलाम में पूर्णबंदी यथावत रहेगी।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने स्वास्थ्य आग्रह के बाद मिंटो हॉल परिसर से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा जिलों और संभागों के विभिन्न संगठनों प्रमुख नागरिकों और समाज-सेवियों से चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना के संक्रमण को थामने के हर संभव प्रयास होंगे। मध्यप्रदेश सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। प्रदेश में मंत्रियों को विभिन्न जिलों में कोरोना संक्रमण के प्रयासों की समीक्षा का दायित्व सौंपा जा रहा है। मंत्रियों से प्राप्त सुझावों पर अमल भी किया जायेगा।
निजी अस्पतालों में रोगियों के लिए व्यवस्थाएं बढ़ाई जायेंगी। विभिन्न तरह की जांचों के लिए दरों का निर्धारण किया जा रहा है।मुख्यमंत्री चौहान ने मिंटो हाल परिसर के अस्थायी सभा कक्ष से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा मंत्रि-परिषद के सदस्यों से चर्चा करते हुए कहा कि गत सप्ताह कोरोना की विभिन्न तरह की टेस्टिंग की दरों को निर्धारित किया गया है।
अन्य मशीनों जैसे वेंटिलेटर के उपयोग और पैथोलॉजिकल जांचों की दरें निर्धारित करने का कदम उठाया जा रहा है। आमजन को नई दरों से अवगत करवाया जाएगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि शाजापुर में संक्रमण रोकने के प्रयास बढ़ाए जाएंगे और राजधानी से दल भी भेजा जाएगा। भोपाल में निजी क्षेत्र में नवीन कोविड केयर सेंटर बनाने पर भी विचार किया जा रहा है।
आवश्यकता हुई तो अन्य निजी अस्पतालों में भी व्यवस्थाएं बढ़ाई जायेंगी। निर्धन तबके के रोगियों को आयुष्मान योजना में उपचार की सुविधा देकर लाभान्वित किया जाएगा।बताया गया कि भारत सरकार से इस सप्ताह प्रदेश को 350 वेंटिलेटर प्राप्त हो रहे हैं। वर्तमान बेड क्षमता 24 हजार है जिसे बढ़ाकर इसी सप्ताह 36 हजार कर दिया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने मंत्रियों के समक्ष दिए गए प्रेजेंटेशन में बताया कि संक्रमण को रोकने के लिए जन-जागरूकता अभियान संचालित किया जा रहा है। बड़े आयोजन और मेले आदि प्रतिबंधित हैं। शिक्षण संस्थाओं को भी 15 अप्रैल तक खोले जाने पर प्रतिबंध है। महाराष्ट्र से परिवहन पर भी प्रतिबंध है।
प्रदेश में 720 फीवर क्लीनिक कार्य कर रही हैं। किल कोरोना अभियान के द्वितीय चरण को प्रारंभ करने की तैयारी भी की गई है। कोरोना की जांच के लिए आरटी-पीसीआर और आर. ए. टी. पद्धतियों से जांच शुल्क क्रमश: 700 और 300 रुपए करने के आदेश जारी हो गए हैं। घर से सैंपल लिए जाने पर 200 रुपए की राशि अतिरिक्त रूप से लगेगी। अस्पतालों में बिस्तर क्षमता में निरंतर वृद्धि की जा रही है।
भोपाल जिले में कोविड-19 के हल्के लक्षणों एवं कम गंभीर मरीजों के उपचार एवं प्रबंधन के लिये होम आइसोलेशन व्यवस्था को अधिक सु²ढ़ किया गया है। वर्तमान में कुल 27 टीम के माध्यम से होम आइसोलेशन की व्यवस्था की है। कोविड पॉजिटिव मरीजों के लक्षणों की जानकारी लेकर सर्दी-खांसी, बुखार, ऑक्सीजन सेचुरेशन, गंभीर बीमारियों आदि के आधार पर होम आइसोलेशन का सुझाव दिया जाता है।
अभी कुल 2200 मरीज होम आइसोलेशन में हैं। इन सभी को चिकित्सकों द्वारा मेडिसिन किट उपलब्ध करवाई गई है। साथ ही नियमित रूप से परामर्श उपलब्ध करवाया जा रहा है।होम आइसोलेशन की प्रभारी अधिकारी डॉ. संगीता टाक ने बताया कि होम आइसोलेशन के रोगियों की दैनिक निगरानी जिला-स्तर पर स्थापित कोविड कमांड एवं कंट्रोल सेंटर से प्रतिदिन की जा रही है।
मरीज की थोड़ी-सी भी गंभीरता की स्थिति दिखने पर तुरंत अस्पताल पहुंचाया जाता है।होम आइसोलेशन के दौरान मरीजों को फीवर क्लीनिक और शासकीय एवं चिन्हित निजी अस्पतालों की सूची उपलब्ध करवाई जा रही है।
होम आइसोलेशन में रह रहे व्यक्ति को लक्षण दिखने की तारीख या सैम्पल की तारीख से विगत 10 दिनों से लक्षण-रहित होने तथा तीन दिनों से बुखार-रहित होने पर होम आइसोलेशन अवधि समाप्त की जाती है। इसके बाद भी संबंधित व्यक्ति द्वारा अगले सात दिनों तक अपने स्वास्थ्य की निगरानी की जाना जरूरी है।