मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता लक्ष्मीकांत शर्मा का आज उनके गृह नगर सिरोंज में अंतिम संस्कार किया गया. उनके अंतिम संस्कार में भारी संख्या में उनके शुभचिंतक और पार्टी के कार्यकर्ता शामिल थे. अंतिम संस्कार से पहले उन्हें पुलिस की खास टुकड़ी ने बिगुल और हवाई फायर के साथ गार्ड ऑफ ऑनर दिया.
कोरोना से संक्रमित होने की वजह से लक्ष्मीकांत शर्मा को भोपाल के चिरायु अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उनकी तबियत बिगड़ने के बाद कल रात में उनका निधन हो गया था. पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की राजनीतिक यात्रा एक हिंदूवादी नेता के रूप में हुई.
लक्ष्मीकांत शर्मा सिरोंज के सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल में आचार्य के पद पर थे बाद में वह विश्व हिंदू परिषद और राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे एक प्रखर हिंदूवादी नेता के रूप में सिरोंज में अपनी पहचान बनाई. लक्ष्मीकांत शर्मा ने 1993 में पहली बार सिरोंज विधानसभा से चुनाव लड़ा और पहली बार वहां से विधायक चुने गए थे.
पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा विदिशा जिले की सिरोंज विधानसभा सीट से 1998 से लगातार चार बार विधायक चुने गए. 2004 में उन्हें पहली बार बार उमा भारती की सरकार में स्वतंत्र राज्य मंत्री बनाया गया था. इसके बाद बाबूलाल गौर की सरकार में भी शर्मा मंत्री रहे.
2008 में शिवराज सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाए गया. शर्मा सिरोंज विधानसभा क्षेत्र में अच्छी पकड़ रखते हैं. इस वक्त उनके भाई उमाकांत शर्मा सिरोंज से विधायक हैं. लक्ष्मीकांत शर्मा उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने तुरंत को शिक्षा के क्षेत्र में नए नए आयाम दिए इसमें उन्होंने सिरोंज को पीजी कॉलेज का दर्जा दिलवाया.
अपने विधानसभा क्षेत्र लटेरी में भी एक कॉलेज स्थापित करवाया साथी सिरोंज को शिक्षा का हब बनाने के लिए उन्होंने टेक्नो ग्लोबल यूनिवर्सिटी के रूप में सिरोंज को यूनिवर्सिटी दिलवाई. यहां उन्होंने एक पॉलिटेक्निक कॉलेज की भी शुरुआत अपने मंत्री रहते हुए की साथ ही उन्होंने सिरोंज में शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए जमीन दी स्वीकृत करवाई.