मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में जहरीली शराब से अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है. इस मामले में जांच के लिए उच्च स्तरीय जांच टीम का गठन भी किया गया. लेकिन कांग्रेस को इस पर भरोसा नहीं हो रहा है. कांग्रेस का कहना है कि इन्ही अधिकारीयों ने पहले भी जांच और सुझाव रिपोर्ट दी थी, लेकिन जहरीली शराब पर लगाम नहीं लगी.
इसलिए उच्च न्यायालय के सिटिंग जज के नेतृत्व में जांच की जाए.गौरतलब है कि मंदसौर में जहरीली शराब से हुई छः लोगों की मौत मामले में सरकार ने अपर मुख्य सचिव राजेश रजोरा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है. जो सभी पहलुओं से मामले की जांच कर सरकार को जल्द रिपोर्ट सौंपेगी.
उन्हें यह सख्त आदेश सरकार द्वारा ही दिए गए हैं.कांग्रेस प्रवक्ता जेपी धनोपिया ने कहा कि उज्जैन में जहरीली शराब से लोगों की मौत हुई. मुरैना में जहरीली शराब से लोगों की मौत हुई. सरकार ने जांच कमेटी गठित की. लेकिन जांच का कुछ असर नहीं हुआ, उसके बाद भी जहरीली शराब बिक रही है.
कांग्रेस ने भाजपा पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि जहरीली शराब के खेल में भाजपा से जुड़े लोग भी शामिल हैं. जहरीली शराब माफिया ने जगह बदलकर मंदसौर आबकारी मंत्री के एरिया में पैर जमा लिए हैं.जेपी धनोपिया ने कहा कि सीएम ने मुरैना में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद गहरी नारजगी जताते हुए कहा था, जहरीली शराब माफिया की जड़ पर वार करे!
साथ ही साथ कहा था कि एसपी, कलेक्टर, जिला आबकारी अधिकारी ऐसी घटनाओं के जिम्मेदार होंगे.अवैध जहरीली शराब के धंधे को नष्ट करें, तो फिर मुरैना घटना जैसी घटना अब मंदसौर में क्यों हो रही है. क्या जिम्मेदार अधिकारी सीएम के आदेश को भूल गए हैं.