छत्तीसगढ़ में सियासी हलचल हुई तेज, राज्य के 35 से ज्यादा कांग्रेस विधायक पहुंचे दिल्ली

छत्तीसगढ़ में सियासी हलचल तेज होती दिखाई दे रही है. बता दें कि राज्य के 35 से ज्यादा कांग्रेस विधायक दिल्ली पहुंच गए हैं. वहां वह प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया के आवास पर पहुंचे हैं. जिसे लेकर कई तरह के कयास लग रहे हैं.

साथ ही ऐसी भी चर्चाएं हैं कि सीएम भूपेश बघेल भी दिल्ली जा सकते हैं, जहां वह राहुल गांधी और सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं. वहीं पीएल पुनिया और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम का कहना है कि कांग्रेस विधायकों को दिल्ली नहीं बुलाया गया है.

दिल्ली में मौजूद टीएस सिंहदेव ने अपने एक बयान में कहा है कि पार्टी ने ढाई साल के फार्मूले पर कभी बात नहीं की, यह सिर्फ मीडिया कयास था. अगर कोई व्यक्ति किसी टीम से खेलता है तो क्या वह कप्तान बनने के बारे में नहीं सोचता?

हर कोई उसके बारे में सोचता है लेकिन सवाल उसकी सोच का नहीं, उसकी क्षमताओं का है. हाईकमान लेता है फैसला.मरवाही विधायक और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम का कहना है कि छत्तीसगढ़ जैसा है, वैसा ही रहेगा. यह ने डोलेगा और ना अड़ेगा.हर समर्थक चाहता है कि उसके नेता का सम्मान हो. कार्यकर्ताओं में उत्साह है.

प्रदेश कांग्रेस कमेटी पालक की भूमिका में है और उसकी नजर में सब बराबर हैं. जो विधायक दिल्ली गए हैं, उनमें बृहस्पत सिंह, देवेंद्र यादव, कुलदीप जुनेजा, शिशुपाल शोरी, विनोद सेवनलाल चंद्राकर, विनय भगत, प्रकाश नायक, किश्मत लाल नंद, द्वारिकाधीश यादव, चंद्रदेव राय, यूडी मिंज, विनय जायसवाल, गुलाब कमरो, गुरुदयाल बंजारे, पुरुषोत्तम कंवर, कुंवर निषाद, चिंतामणि महाराज आदि विधायक शामिल हैं.

रायपुर से दिल्ली पहुंचने वालों में कई विधायकों के साथ प्रदेश के 3 मंत्री भी शामिल हैं. कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव का कहना है कि हम भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के लोगों की सेवा कर रहे हैं. हम मौजूदा हालात के बारे में आलाकमान से बात करेंगे.

बता दें कि हाल ही में सीएम भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव ने दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की थी. दरअसल दोनों नेताओं के बीच जारी तनातनी के बाद दोनों नेताओं ने शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की थी. इस मुलाकात को लेकर कयास लगाए गए थे कि इसमें सत्ता परिवर्तन को लेकर चर्चा हो सकती है.

हालांकि बैठक के बाद प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने सत्ता परिवर्तन की आशंकाओं को खारिज कर दिया था. सीएम भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव दोनों ही ढाई ढाई साल के फार्मूले की बात को नकार चुके हैं और दोनों नेताओं का कहना है कि पार्टी  उन्हें जो जिम्मेदारी देगी, वह उसे निभाएंगे.

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