टूलकिट को लेकर छत्तीसगढ़ के गलियारों में राजनीतिक माहौल गरम है. पूर्व सीएम रमन सिंह के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद पुलिस उनसे पूछताछ करने उनके घर पहुंची थी. इसके बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला.
रमन सिंह ने कहा कि राज्य सरकार झूठे केस में उन पर मामला दर्ज कर रही है. इसकी पटकथा सिविल लाइन थाने से नहीं बल्कि कांग्रेस कार्यालय में लिखी गई है और मुख्यमंत्री के इशारे पर यह सब हो रहा है. एक मिनट में अपराध दर्ज हो दया.
सारी शिकायत बढ़ा-चढ़ाकर की गई. 19 मई को शाम 4:05 पर शिकायत हुई और 4:06 पर शिकायत दर्ज़ कर ली गई. मीडिया से बात करते हुए भूपेश सरकार पर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन सोनिया और राहुल गांधी के इशारे पर कार्रवाई कर रहा है.
संबित पात्रा ने गांधी परिवार के खिलाफ तथ्यात्मक मुद्दे उठाए हैं. इस मुद्दे को लेकर हम सड़क से कोर्ट तक जाएंगे. डॉ. रमन सिंह ने कहा कि संबित पात्रा को कोर्ट से न्याय मिला है. ये सभी मामले राजनीति से प्रेरित हैं, कोर्ट में मामला आते ही सभी खारिज कर दिए जाएंगे.
हम लड़ाई जारी रखेंगे. उन्होंने कहा कि ट्विटर हैंडल का एक्सेस पुलिस मांग रही थी, जिसे उन्होंने मौलिक अधिकार का हनन बताते हुए देने से मना कर दिया. हालांकि इससे पहले सुबह से छत्तीसगढ़ का राजनीतिक माहौल गर्म हो गया था.
रमन सिंह के खिलाफ दर्ज मामले में पुलिस पूछताछ के लिए उनके बंगले पर पहुंची थी. पुलिस टूलकिट मामले में पूछताछ करने पहुंची थी. पूर्व रमन सिंह से पूछताछ करने CSP नासिर सिद्दकी, थाना इंचार्ज आरके मिश्रा और सब इंस्पेक्टर मनीष वाजपेयी पहुंचे थे.
इस कार्रवाई में तेलीबांधा और मौदहापारा थाना के टीआई भी शामिल थे. पूछताछ के दौरान बंगले पर रमन सिंह समेत बड़ी संख्या में नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे.हालांकि पुलिस के पूछताछ करने के पहले ही सिविल लाइंस थाने के बाहर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल, राजेश मूणत समेत कई वरिष्ठ नेता धरने पर बैठ गए थे.
धरना स्थल पर बड़े-बड़े होर्डिंग्स भी लगाए गए, जिसपर लिखा था कि टूलकिट बनाकर देश के खिलाफ साजिश रचने वाली और भाजपा नेताओं पर झूठे मुकदमे करने वाली, लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की हत्या करने वाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ यह धरना है.