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छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों में भी अब कोरोना ने दी दस्तक

छत्तीसगढ़ के अतिनक्सल प्रभावित इलाको में अब कोरोना ने दस्तक दे दी है. दक्षिण बस्तर के अतिनक्सल प्रभावित इलाको में अब कोरोना ने दस्तक दे दी है। इंटरस्टेट कॉरिडोर पामेड़ से 10 किमी दूर जारपल्ली गांव मे 20 से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं.

बताया जा रहा है कि  ये सभी संक्रमित लोग तेलांगाना से मजदूरी करके अपने गांव लौटे थे. वहीं टेस्टिंग के बाद सभी संक्रमितों को फिलहाल गांव मे ही होम आइसोलेशन पर रखा गया है. बता दें ये कि पूरा इलाका छत्तीसगढ़-तेलांगाना राज्यों के सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित इलाकों में माना जाता है.

बताया जा रहा है कि तेलंगाना के कोत्तागुडम और छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सक्रिय नक्सली कमांडर कोरसा गंगा की कोरोना से मौत हो गई थी. कोरसा गंगा बीजापुर जिला मुख्यालय से लगे गोरना का रहने वाला था.

लंबे वक्त से नक्सलियों में कोरोना से मौतों की खबरें आ रही थी जिसको लेकर नक्सल संगठन भी खौफ में हैं. कोत्तागुडम के एसपी सुनील दत्त ने दक्षिण बस्तर में सक्रिय नक्सली कमांडर की मौत कोरोना से होने की पुष्टि की है.

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित गांवों में कोरोना की एंट्री हो चुकी है. सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में बाजार पारा, स्कूल पारा और पटेल पारा शामिल है. इस इलाके में कोरोना संक्रमण के फैलने का मुख्य कारण विवाह कार्यक्रम बताये जा रहे हैं.

कोरोना के नॉर्मल लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया है. उन्हें आवश्यकता के अनुसार डॉक्टर्स ने दवाई की किट दी है. जो मरीज गंभीर हालात में हैं उन्हें अस्पताल में एडमिट किया गया है.

दशकों से बस्तर के वनवासी जंगलो और नदियों से अपना भरण पोषण करता रहा है. फरवरी के शुरुआत से लेकर जून महीने की पहली बारिश के दौरान दक्षिण बस्तर से पलायन का दौर शुरू हो जाता है.

सीधे सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर की सीमाओं से तेलंगाना की खम्मम, भूपालपल्ली और मुलगु जिलों में मजदूर जंगलो के रास्ते मजदूरी करने जाते हैं. जिसमे एक बड़ा कारण बस्तर में रोजगार की कमी और मनरेगा योजना में जमकर भ्रष्टाचार है.

नक्सली दहशत का हवाला देकर मनरेगा में जमकर दैत्याकार मशीनों का इस्तेमाल होता रहा है. सरकार और प्रशासन सब जानकर भी आंखे मूंद लेता है. जिसकी वजह दो दशकों से भी ज्यादा समय से साल दर साल पलायन के आंकड़ों में इजाफ होता जा रहा है. लगातार कोरोना पॉजिटिव लोग मिलने के बाद अब नक्सलियों में भी कोरोना का डर बढ़ गया.

बीजापुर पुलिस की तरफ से बताया गया कि नक्सलियों में बीमारी का डर बढ़ गया है. बीमारी से बचने के लिए कई नक्सलियों के संगठन छोड़कर जाने की बात का खुलासा भी हुआ है. पुलिस सूत्रों के अनुसार लिखे गए पर्चे में जोनल कमेटी सदस्य ने नीचे स्तर के नक्सलियों पर सही जानकारी नहीं देने का आरोप लगाया है.

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