कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए गणेशोत्सव बीते साल की तरह इस साल भी फीका ही रहेगा. 10 सितम्बर से शुरू हो रहे 10 दिवसीय उत्सव के लिए जिला प्रशासन ने सख्त गाइडलाइन जारी कर दी है. उत्सव के दौरान शहर में कहीं भी भव्य गणेशोत्सव नहीं होगा.
पंडालों में केवल 8 फीट की गणेश मूर्ति की छूट रहेगी. हालांकि इससे पहले 4 फीट तक की प्रतिमा की अनुमति ही थी. इसके अलावा पूजा पंडाल में 50 से ज्यादा लोगों को अनुमति नहीं होगी. इसके अलावा कलेक्टर ने कहा कि अगर घर के बाहर कैंपस में या सार्वजनिक जगहों पर मूर्ति स्थापित करनी है तो इसके लिए अनुमति लेनी होगी.
गाइडलाइन के मुताबिक 3 दिन पहले यह अनुमति संबंधित नगर निगम के जोन दफ्तर से ली जाएगी. गणेश उत्सव समितियों की यह जिम्मेदारी होगी की वह सैनिटाइजर, थर्मल स्क्रीनिंग, हैंडवाश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था करेंगी. आने वाले लोगों को मास्क और सोशल डिस्टेसिंग का पालन कराएं.
इसके अलावा कलेक्टर गाइडलाइन के मुताबिक पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए जिले में गणेश चतुर्थी महोत्सव के दौरान प्लास्टर ऑफ पेरिस से निर्मित मूर्तियों के उपयोग पर पूर्णतया प्रतिबंध रहेगा. कलेक्टर ने सभी एसडीएम को इस संबंध में कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
मूर्ति स्थापना और विसर्जन के दौरान नहीं बजा पाएंगे धूमाल, डीजे.मूर्ति विसर्जन के लिए एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी, 4 लोग ही होंगे शामिलकिसी भी अतिरिक्त साज-सज्जा झांकी की अनुमति नहीं होगी.पूजा पंडाल में 50 से ज्यादा लोगों को अनुमति नहीं होगी.
पंडाल के पास ही अनुमति के बाद साउंड सिस्टम, डीजे या धुमाल बजाया जा सकेगपंडाल में सैनिटाइजर थर्मल स्कैनिंग, ऑक्सीमीटर, हैंडवाश, की सुविधाएं होनी चाहिए.मूर्ति स्थापना का पंडाल 15 बाय 15 फीट से अधिक नहीं होना चाहिए