पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने साधा बघेल सरकार पर निशाना

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का आज जन्मदिन है. हालांकि कवर्धा की घटना को लेकर रमन सिंह ने जन्मदिन नहीं मनाने का ऐलान किया है. रमन सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 15 अक्टूबर को मेरा जन्मदिन है, लेकिन कवर्धा में हुई घटना के कारण मन व्यथित है.

भूपेश सरकार ने मेरे निर्दोष कार्यकर्ताओ को जेल में बंद कर रखा है. मैंने विरोध स्वरूप कवर्धा, राजनांदगांव जिले समेत सभी कार्यक्रम स्थगित करने का निर्णय लिया है. वर्चुअल माध्यम से ही शुभकामनाएं प्रेषित करें.

जिसके बाद कांग्रेस ने रमन सिंह पर यूपी के लखीमपुर खीरी में हुई घटना को लेकर निशाना साधा तो रमन सिंह भी कांग्रेस और सीएम बघेल पर पलटवार किया.दरअसल कांग्रेस रमन सिंह पर लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर निशाना साध रही है.

जिस पर रमन सिंह ने कहा कि लखीमपुर की घटना से पूरी भाजपा दुखी है. इस तरह की घटना के बाद उत्तर प्रदेश  सरकार ने क्या रिएक्शन किया यह यह महत्वपूर्ण है. घटना के बाद तत्काल 45 लाख देने की घोषणा की जाती है, न्यायिक जांच की घोषणा होती.

यह सब बीजेपी की सरकार ने किया है. लेकिन यहां (छत्तीसगढ़) में क्या हो रहा है सभी जानते हैं. सीएम भूपेश बघेल की प्राथमिकता उत्तर प्रदेश नहीं छत्तीसगढ़ होना चाहिए क्योंकि उन्हें चुनाव कहां से लड़ना है वह जानते हैं. इसलिए भूपेश बघेल को उत्तर प्रदेश की बजाए छत्तीसगढ़ पर ध्यान देना चाहिए.

वहीं अपना जन्मदिन नहीं मनाने को लेकर रमन सिंह ने कहा कि कवर्धा की घटना में उनके 70 युवा कार्यकर्ताओं को बेवजह जेल में बंद रखा गया है. जबकि जिन लोगों पर कार्रवाई होनी थी उन्हें बचाया जा रहा है. ऐसे में उनके कार्यकर्ता जेल में बंद है. जिसके चलते वह अपना जन्मदिन नहीं मना रहे.

वहीं सीएम बघेल द्वारा आरएसएस पर दिए गए बयान पर भी रमन सिंह ने पलटवार किया, उन्होंने कहा कि  ये बयान काफी हास्यास्पद है, कांग्रेस ये कहते हैं कि RSS का संचालन नागपुर से होता है. हम उन से कहना चाहते है कि बिल्कुल आरएसएस का संचालन नागपुर से ही होता है.

लेकिन उन्हें यह भी बताना चाहिए कांग्रेस का संचालन कहां से हो रहा है, दिल्ली से या इटली से. आरएसएस ने देश को कई महान व्यक्ति दिए हैं. इसलिए भूपेश बघेल का यह बयान हास्यास्पद से ज्यादा कुछ नहीं है. वहीं हसदेव अरण्य के मामले में टीएस सिंहदेव और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अलग-अलग बयानों पर भी रमन सिंह ने निशाना साधा.

रमन सिंह ने कहा कि कांग्रेस में आपसी मतभेद है. जब भी कोई बयान आता है एक दूसरे के विरोधाभास में ही आता है. हसदेव अरण्य जैसे मामलों में कैबिनेट की बैठक में चर्चा होनी चाहिए लेकिन इनके बयान हमेशा विरोधाभासी ही होते है.

कांग्रेस का यह हाल केवल छत्तीसगढ़ में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में हो चुका है, जहां सबके अपने अलग-अलग विचार हैं.सरगुजा और कोरबा के जिलों में हसदेव अरण्य वन क्षेत्र मध्य भारत के सबसे घने और पुराने जंगलों में से हैं. पर्यावरणविदों की माने तो इसे छत्तीसगढ़ के फेफड़े कहा जाना गलत नहीं होगा. 2010 में इस क्षेत्र को नो गो एरिया घोषित कर दिया गया था.

जब जयराम रमेश केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री थे तो तब नो गो एरिया की शुरूआत की गई थी. इसके अधीन आने वाले एरिया में खदानों को अनुमति नहीं दी जाती है. बता दे ग्रामीणों ने 4 अक्टूबर से हसदेव अरण्य बचाओ पदयात्रा शुरू की थी. इसके बाद वो बुधवार को रायपुर पहुंचे थे.

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