भारत अभी तक कोरोना की दूसरी लहर से उबर नहीं पाया है. देश की 90 फीसदी से ज्यादा आबादी लॉकडाउन या कोरोना कर्फ्यू के दायरे में सिमटी है.इस बीच छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले से एक ऐसा वाकया सामने आया है जिसने कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने में लगे प्रशासनिक अमले को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया.
यहां एक कलेक्टर ने युवक को चांटा मार कर उसका फोन तोड़ दिया था. इस केस में कलेक्टर के माफी मांगने के बावजूद उनकी छुट्टी कर दी गई है. मुख्यमंत्री के दखल के बाद सीएमओ की ओर से जारी आदेश में आईएएस गौरव कुमार सिंह को सूरजपुर का नया जिला कलेक्टर बनाने की जानकारी दी गई है.
सूरजपुर जिले के कलेक्टर रणबीर शर्मा ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान अपनी सरकारी ताकत का बेजा इस्तेमाल करते हुए एक बच्चे के साथ ऐसा व्यवहार किया कि पूरे देश में उनकी इस हरकत की आलोचना हो रही है. सोशल मीडिया पर उनके चांटे की गूंज बहुत दूर तक सुनाई दी.
सूरजपुर में कोरोना लॉकडाउन को लागू कराने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर थी लेकिन कलेक्टर होने की हनक में वो अपना आपा खो बैठे और जरूरी काम से बाजार आए एक बच्चे का पहले तो मोबाइल लेकर सड़क पर पटक दिया.
इसके बाद उसे थप्पड़ मारा और पुलिस वाले से डंडे भी पड़वाए. बात निकली तो दूर तक गई और फिर कलेक्टर साहब को माफी मांगनी पड़ी.सोशल मीडिया की ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि महज चंद घंटों के भीतर मुख्यमंत्री भूपेष बघेल ने कार्रवाई करते हुए कलेक्टर को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है.
सीएम ने ट्वीट में लिखा सूरजपुर कलेक्टर रणबीर शर्मा द्वारा एक नवयुवक से दुर्व्यवहार का मामला मेरे संज्ञान में आया है. ये बेहद दुखद और निंदनीय है. छत्तीसगढ़ में इस तरह का कृत्य कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. कलेक्टर रणबीर शर्मा को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए हैं.
मैं इस घटना से क्षुब्ध हूं इसलिए नवयुवक व उनके परिजनों से खेद जताता हूं.सोशल मीडिया के माध्यम से सूरजपुर कलेक्टर रणबीर शर्मा द्वारा एक नवयुवक से दुर्व्यवहार का मामला मेरे संज्ञान में आया है।यह बेहद दुखद और निंदनीय है। छत्तीसगढ़ में इस तरह का कोई कृत्य कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कलेक्टर रणबीर शर्मा को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए हैं।घटना के बाद जिस युवक के साथ डीएम ने अभद्रता की थी उसके परिजनों ने अपना दर्द बयां करते हुए नाराजगी जताई है.
पीड़ित लड़के के पिता ने कहा कि उनकी पत्नी तथा उन्हें कोरोना वैक्सीन का टीका लगा है जिसके कारण उन्होंने अपने बेटे को बाहर दवा लेने भेजा था. उन्होंने बताया कि कलेक्टर ने जो उनके बेटे के साथ व्यवहार किया, वो तकलीफदेह है.