टेनिस खिलाड़ी विजय अमृतराज ने कहा कि आनंद अमृतराज पिछले तीन दशक में देश के सर्वश्रेष्ठ कप्तान थे.अपने छोटे भाई को भारत की डेविस कप टीम के कप्तान के रूप में हटाए जाने से हैरान दिग्गज टेनिस खिलाड़ी विजय अमृतराज ने कहा कि आनंद अमृतराज पिछले तीन दशक में देश के सर्वश्रेष्ठ कप्तान थे और जीतते हुए कप्तान को हटाना प्रचलन के खिलाफ है.
डेविस कप में स्वयं भी भारत के कप्तान रहे विजय ने कहा कि आनंद काफी प्रतिबद्ध थे और उनके दिए नतीजों पर कोई सवाल नहीं उठा सकता.दो बार विंबलडन और अमेरिकी ओपन के एकल क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाले विजय ने पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कहा मैं प्रत्येक चीज की जटिलता पर ध्यान नहीं देता लेकिन मुझे पता है कि 1987-88 से आनंद से बेहतर कोई कप्तान नहीं है.
उन्होंने कहा मैं ऐसा सिर्फ इसलिए नहीं कह रहा कि वह मेरा भाई है लेकिन इसलिए कह रहा हूं क्योंकि अतीत का शायद ही भारत का कोई खिलाड़ी उसकी क्षमता का है जिसने 20 साल तक शीर्ष स्तर पर डेविस कप खेला हो और सभी ग्रैंडस्लैम के एकल में खेला हो और कुछ शीर्ष खिलाड़ियों को हराया हो और खेल के लिए जुनून बरकार हो तथा नियमित तौर पर फ्यूचर्स, चैलेंजर और एटीपी 250 प्रतियोगिता पर ध्यान देता हो.
विजय को जब यह बताया गया कि एआईटीए ने नतीजों पर सवाल नहीं उठाया बल्कि टीम में अनुशासन बरकार रखने में विफल रहे के लिए उन्हें बर्खास्त किया तो उन्होेंने कहा अन्य कोई मुद्दा मुझे नहीं पता. मैं वही देखता हूं जो मैंने समाचार पत्रों में पढ़ा. इसलिए मेरे नजरिये से आनंद शानदार कप्तान था.
आनंद अंतिम बार भारतीय टीम की अगुआई पुणे में करेंगे जब अगले महीने भारत न्यूजीलैंड की मेजबानी करेगा और इसके बाद अप्रैल से टीम की कमान महेश भूपति के हाथों में होगी.विजय ने कहा एक अन्य सवाल है कि क्या महेश भूपति कप्तान के रूप में क्वालीफाई करता है, बेशक. इसमें कोई सवाल नहीं है. वह वहां मौजूद रहा है और नतीजे दिए हैं.
लेकिन आम तौर पर आप विजयी कप्तान को बरकार रखते हो और मेरे नजरिये से निश्चित तौर पर वह अगला कप्तान होता.विजय ने कहा कि आनंद ने शीर्ष 100 में एकल खिलाड़ी मौजूद नहीं होने के बावजूद नतीजे दिए.उन्होंने कहा आज के हालात में प्ले आफ में जगह बनाना आसान नहीं है. जब हम डेविस कप खेलते थे तो हम काफी बड़े अंतर से एशिया की सर्वश्रेष्ठ टीम थे. अब हम नहीं हैं. हम तभी बदलाव करते हैं जब चीजें सही नहीं होती.