टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस चेक गणराज्य के खिलाफ डेविस कप विश्व ग्रुप प्लेआफ मुकाबले में अपना युगल मैच हारकर विश्व रिकार्ड की बराबरी करने से चूक गए.लिएंडर पेस और रोहन बोपन्ना की अनुभवी भारतीय जोड़ी को चेक गणराज्य के रादेक स्तेपानेक और एडम पाव्लासेक की जोड़ी के खिलाफ 5-7, 2-6, 2-6 से हार का सामना करना पड़ा. भारत ने प्लेआफ का यह मुकाबला 1-3 से गंवाया और उसे 2016 में अब एशिया ओसनिया जोन ग्रुप एक में वापिस लौटना पड़ेगा.
पेस यदि यह युगल मुकाबला जीत जाते तो वह डेविस कप के इतिहास में इटली के निकोला पिएांगेली के सर्वाधिक 42 युगल मैच जीतने के वि रिकार्ड की बराबरी कर लेते. पेस का डेविस कप में कुल 52 मुकाबलों में 89 जीत और 33 हार का रिकार्ड रहा है. उन्होंने एकल में 48 मैच जीते हैं और 22 हारे हैं जबकि युगल में 41 मैच जीते हैं और 11 हारे हैं.
17 ग्रैंड स्लेम खिताब जीत चुके पेस यदि युगल मैच जीतते तो वह पिएांगेली के 42 युगल मैच जीतने के रिकार्ड की बराबरी कर लेते. भारत अगले सा में एशिया ओसनिया जोन ग्रुप एक में फिर से अपने अभियान की शुरूआत करेगा और यह कह पाना मुश्किल है कि 42 साल के पेस को अगले साल भारतीय टीम में युगल मैच खेलने का मौका मिल पाएगा या नहीं.
भारत के गैर खिलाड़ी कप्तान आनंद अमृतराज ने टीम की हार के बाद युगल मैच के खराब प्रदर्शन के लिये पेस और बोपन्ना की कड़ी आलोचना की थी. अमृतराज ने कहा था‘‘हम यह मुकाबला उसी समय हार गये थे जब शनिवार को हमने युगल मैच गंवा दिया था. पेस और बोपन्ना की अनुभवी जोड़ी से हमें जीतने की उम्मीद थी लेकिन इस जोड़ी ने हमें खासा निराश किया. वे इतना खराब खेले कि मैच में संघर्ष भी नहीं कर पाये. मुझे उम्मीद नहीं थी कि वे यह मुकाबला हार जायेंगे.’’
अमृतराज का यह भी कहना था कि टीम के पास साकेत मिनैनी और रामकुमार रामानाथन जैसे युवा खिलाड़ी मौजूद हैं. हालांकि अगले साल युगल जोड़ी के लिये पेस और बोपन्ना से आगे सोचना अभी जल्दबाजी होगी. लेकिन जिस तरह उन्होंने पेस और बोपन्ना की आलोचना की उससे यह तो संकेत मिलता है कि अगले वर्ष भारतीय जोड़ी में परिवर्तन देखने को मिल सकता है.
डेविस कप इतिहास में करियर में सर्वाधिक जीत हासिल करने के मामले में पेस इस समय दुनिया में चौथे नंबर पर है. उनसे आगे स्पेन के मैनुअल संताना (92 जीत) हैं, रोमानिया के इली नस्तासे (109) और इटली के पिएांगेली (120) हैं.पेस इस साल न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत के पिछले मुकाबले में नहीं खेले थे और भारत के प्लेग्रुप में पहुंचने के बाद वह चेक गणराज्य के खिलाफ मुकाबले के लिये लौटे थे. लेकिन उनके प्रदर्शन ने खासा निराश किया और 42 साल के पेस के डेविस कप के भविष्य पर भी सवालिया निशान लगा दिया.