विश्व के पूर्व नंबर-1 टेनिस खिलाड़ी स्पेन के राफेल नडाल और स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर साल के पहले ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट ऑस्ट्रेलियन ओपन के पुरुष एकल फाइनल में आमने-सामने होंगे.विश्व के नौवीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी नडाल ने शुक्रवार को दूसरे सेमीफाइनल में बुल्गारिया के ग्रिगोर दिमित्रोव से मिली कड़ी चुनौती को शानदार खेल से पार करते हुए फाइनल में प्रवेश किया.
नडाल ने विश्व की 15वीं वरीयता प्राप्त दिमित्रोव को 6-3, 5-7, 7 (7)-6 (5), 6 (4)-7 (7), 6-4 से मात दी.दोनों खिलाड़ियों ने फाइनल में पहुंचने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया. यह मुकाबला कितना कड़ा रहा होगा इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस मैच को जीतने के लिए नडाल को चार घंटे 56 मिनट तक पसीना बहाना पड़ा.
नडाल को बेशक दिमित्रोव से इस स्तर के खेल की उम्मीद नहीं होगी. बुल्गारियाई खिलाड़ी ने नडाल को हर एक अंक के लिए पसीना बहाने पर मजबूर किया. पहला सेट ही नडाल के लिए आसान रहा जिसे उन्होंने 6-3 से जीता.दिमित्रोव ने फाइनल में अपने स्थान को जायज ठहराते हुए विश्व स्तरीय खेल दिखाया और दूसरा सेट टाई ब्रेकर में 7-5 से जीता. तीसरे सेट में इन दोनों खिलाड़ियों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा जारी रही, लेकिन स्पेनिश दिग्गज यह सेट 7(7)-6(5) से अपने नाम करते हुए मैच में वापसी की.
चौथे सेट में नडाल आगे थे लेकिन दिमित्रोव ने स्कोर 4-4 से बराबर कर नडाल के माथे पर शिकन ला दी और फिर मुकाबले को टाई ब्रेकर में ले गाए जहां वह नडाल पर हावी पड़े. निर्णायक सेट में नडाल ने दिमित्रोव को 6-4 से मात देते हुए आखिरकार जीत दर्ज की और फाइनल में प्रवेश किया.
दिमित्रोव ने इस पूरे मुकाबले में नडाल से ज्यादा कुल 20 ऐस लगाई. नडाल आठ ऐस लगा सके. विनर्स के मामले में भी बुल्गारियाई खिलाड़ी नडाल से आगे रहे. नडाल ने 45 विनर्स लगाए तो दिमित्रोव ने 79.दिमित्रोव के पास पहली बार किसी ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने का मौका था लेकिन अपना लगभग सर्वश्रेष्ठ टेनिस खेलने के बाद भी वह नडाल के सामने अंत में पस्त हो गए.
यह उनका दूसरा ग्रैंड स्लैम सेमीफाइनल था. इससे पहले वह 2014 में विबंलडन के सेमीफाइनल में पहुंच चके हैं.नडाल ने अपना आखिरी ग्रैंड स्लैम 2014 में फ्रेंच ओपन के तौर पर जीता था. पिछले साल चोट और खराब फॉर्म ने न सिर्फ उन्हें ग्रैंड स्लैम खिताबों से वंचित रखा बल्कि रैंकिंग में भी पीछे ढकेल दिया.फाइनल में दो ऐसे खिलाड़ी हैं जो पिछले कुछ वर्षो से कोर्ट पर लड़खड़ाते दिखे हैं.