अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत के लिए बड़ी उम्मीद रहे स्टार खिलाड़ी लिएंडर पेस ने कहा कि वह अब उस तरह से ट्रेनिंग नहीं करते जैसे 20 साल पहले किया करते थे.इस महान खिलाड़ी ने 43 बरस की उम्र में भी खुद को प्रेरित रखा है और ट्रेनिंग और अपने शरीर को फिट रखने के ऐसे तरीके ढूंढे हैं जिससे कि वह युवा खिलाड़ियों को टक्कर दे सकें.
पेस को अपने करियर के दौरान कभी बड़ी चोट का सामना नहीं करना पड़ा. हालांकि अतीत में टखना मुड़ने जैसी कुछ छोटी मोटी चोटों से वह परेशान रहे.इस तरह की फिटनेस के लिए ट्रेनिंग के बारे में पूछने पर पेस ने कहा मैं 20 साल पहले जिस तरह की ट्रेनिंग करता था यह उससे पूरी तरह से अलग है.
उन्होंने कहा 20 साल पहले मैं अपनी मांसपेशियों को मैच स्थिति में ढालने की कोशिश करता था. मुझे प्रतिदिन 50 से 75 सर्विस करनी पड़ती थी. कभी एडवांटेज कोर्ट तो कभी ड्यूस कोर्ट पर सर्विस खेलता था. पूरे शरीर के हिस्सों पर इसे दोहराना होता था जिससे कि वे इसे याद रखें. जिससे कि जब मैं दबाव में रहूं तो यह दोहराव अपने आप हो जाए.
जब मैं विंबलडन सेमीफाइनल में खेल रहा हूं और 4-5 के स्कोर पर दबाव में सर्विस कर रहा हूं तो गलती नहीं करूं.यह पूछने पर कि अब वह क्या करते हैं, पेस ने कहा अब मुझे खुद को अधिक उपयोग से होने वाली चोटों से बचाना है. फिटनेस और रिहैबिलिटेशन पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है.
जब मैं युवा था तो कोर्ट पर एक दिन में सात घंटे बिताता था. अब मैं कोर्ट पर कम समय बिता रहा हूं जिससे कि मैं अपने जोड़ों (जैसे घुटने, पीठ आदि) को बचा सकूं.पेस ने कहा कि कुछ लोग इतने वर्षों में उनके कड़े कार्यक्रम के लिए जिम्मेदार रहे.