टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस के साथ लिव-इन मामले में रिया पिल्लै की याचिका बम्बई उच्च न्यायालय ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली है.रिया ने सत्र अदालत के उस फैसले की समीक्षा के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें उसने लिव इन में पेस के साथ रह रही रिया को पत्नी का दर्जा देने से इन्कार कर दिया था.
हालांकि न्यायमूर्ति ए एम बदर ने 10 वर्षीया पुत्री की कस्टडी को लेकर पारिवारिक अदालत में चल रहे मुकदमे में अंतरिम राहत देने से इन्कार कर दिया. पेस और रिया पिछले लंबे समय से अपनी बेटी की कस्टडी को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं.पेस ने अपनी बेटी की पूर्ण अभिरक्षा (कस्टडी) मांगी है, जबकि रिया रिया ने अपनी बेटी को अपने पास रखने के निर्देश देने की अदालत से गुहार लगायी है.
बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त के साथ तलाक के बाद रिया और पेस लिव-इन में रह रहे थे. पेस ने दावा किया है कि उन्होंने कभी रिया से विवाह नहीं किया और ऐसे में वह उनकी पत्नी नहीं है. ऐसे में रिया किसी तरह के गुजारा भत्ते की हकदार नहीं है.उच्च न्यायालय ने रिया की याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली है जिसमें इस बात पर निर्णय होगा कि क्या रिया का दर्जा पत्नी का था या नहीं.
रिया ने पेस और उनके पिता के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला मजिस्ट्रेट कोर्ट में दर्ज कराया था, जिसने व्यवस्था दी थी कि यद्यपि दोनों ने शादी नहीं की थी, लेकिन रिया पेस के साथ उसकी पत्नी के रूप में रह रही थी, इसलिए मामले की सुनवाई की जा सकती है.हालांकि पेस ने इस फैसले को सा अदालत में चुनौती दी थी, जिसने टेनिस खिलाड़ी के पक्ष में अपना फैसला सुनाया था. इस आदेश को रिया ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी है.