भारत के पेशेवर मुक्केबाज विजेंदर सिंह पूर्व विश्व विजेता फ्रांसिस चेका के खिलाफ अपना डब्ल्यूबीओ एशिया पैसिफिक सुपर मिडिलवेट खिताब बचाने अगले महीने रिंग में उतरेंगे। यह मुकाबला 17 दिसंबर को त्यागराज स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में खेला जाएगा। विजेंदर ने इसी स्टेडियम में पिछला मुकाबला जीतते हुए खिताब अपने नाम किया था।
मौजूदा इंटरकॉन्टिनेंटल सुपर मिडिलवेट चैम्पियन चेका से विजेंदर को कड़ी प्रतिस्पर्धा मिलने की उम्मीद है। विजेंदर ने अब तक जितने मुक्केबाजों का सामना किया है उनमें से चेका सबसे अनुभवी विपक्षी हैं।चेका ने इसी साल फरवरी में सर्बिया के जेरार्ड अजेटोविक को हराकर इंटरकॉन्टिनेंटल सुपर मिडिलवेट खिताब अपने नाम किया था।
तंजानिया के चेका को 43 मुकाबलों का अनुभव है। उनके हिस्से 32 जीत हैं, जिनमें से वह 17 मुकाबले नॉकआउट में जीते।विजेंदर ने अपने पेशेवर मुक्केबाजी करियर का शानदार आगज करते हुए तक सात मुकाबले खेले हैं और सातों में उन्हें जीत मिली है। विजेंदर ने इनमें से छह मुकाबले नॉकआउट के जरिए जीते।
विजेंदर ने इसी साल जुलाई में आस्ट्रेलिया के कैरी होप को मात देते हुए डब्ल्यूबीओ एशिया पैसिफिक सुपर मिडिलवेट का खिताब अपने नाम किया था। इस जीत के साथ वह डब्ल्यूबीओ रैंकिंग में शीर्ष 10 में आ गए हैं।चेका ने एक बयान में कहा मैं इस बच्चे (विजेंदर) को मुक्केबाजी में सबक सिखाने के लिए तैयार हूं। मैं भारत आउंगा। मैं हार नहीं मानूंगा। मैंने इस भारतीय मुक्केबाज के बारे में काफी कुछ सुन रखा है, इसकी काफी चर्चा है।
उन्होंने कहा मैं जानता हूं कि वह मैनचेस्टर में तैयारी करते हैं, लेकिन इस भारतीय खिलाड़ी को उसके घर में हराने का अपना अलग ही मजा होगा। मैंने उनसे ज्यादा मुकाबले खेले हैं। मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि मैं उन्हें नॉकआउट कर दूंगा।होप को हराने के बाद विजेंदर अपना खिताब बचाने के लिए मैनचेस्टर में तैयारी कर रहे हैं।
विजेंदर ने चेका के साथ आगामी मुकाबले पर कहा चेका के पास अच्छा खासा अनुभव है। उन्होंने काफी मुकाबले खेले हैं। लेकिन उनकी कोई चीज मुझे हतोत्साहित नहीं कर सकती। मैं उनके बराबर पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि मैं एक और जीत अपने नाम करूंगा। एक बार फिर मेरा मुकाबला अपने घर में है। पिछली बार की तरह ही मुझे इस बार भी समर्थन मिलेगा।
विजेंदर ने कहा मैं अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हूं। मेरा मानना है कि लगातार अभ्यास के साथ मेरी क्षमता बेहतर होती जा रहा है। मेरे ट्रेनर को भी लगता है कि मेरे पंच पहले से ज्यादा मजबूत हुए हैं। इस बार यह मेरे खिताब की बात है। मैं निश्चित ही अपना खिताब बचा पाउंगा। मैं इसमें किसी भी तरह की कसर नहीं छोडूंगा।