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खली तैयार कर रहे है 20 महाबली

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द ग्रेट खली के नाम से मशहूर दलीप सिंह राणा अब पंजाब में अपने जैसे 20 और महाबली तैयार करने में जुट गए हैं। खली ऐसे महाबली तैयार करना चाहते हैं, जो डब्ल्यूडब्ल्यूई में जाकर देश का नाम रोशन करें। जालंधर के रामा मंडी से होशियारपुर के रास्ते पर डेढ़ एकड़ की जगह में खुली खली की एकेडमी में युवाओं को डब्ल्यूडब्ल्यूई की ट्रेनिंग दी जा रही है। इस एकेडमी में 20 युवकों ने दाखिला लिया है। खुद खली युवाओं को प्रशिक्षण दे रहे हैं।दलीप सिंह राणा ने कहा कि उनकी एकेडमी को शुरू हुए 5 माह का समय हो चुका है। एकेडमी की शुरुआत में विदेशी कोच को बुलाया गया था। कोच ने तीन महीने तक एकेडमी के खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया। इसके अलावा उनकी टीम और वे खुद खिलाड़ियों को कोचिंग दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुबह 11 बजे खिलाड़ियों को कोचिंग देने का काम शुरू होता है। यह शाम 5 बजे तक चलता है।

खली ने कहा कि डब्ल्यूडब्ल्यूई की कोचिंग लेने के लिए पहले 20 साल की उम्र वाले युवाओं को मौका दिया गया है। इस खेल में काफी ताकत की जरूरत होती है, इसलिए नौजवानों को शामिल किया गया है।खली ने कहा कि शुरुआत में युवाओं को आम ट्रेनिंग दी जाती है। इसके बाद धीरे-धीरे उन्हें कड़ी ट्रेनिंग के लिए तैयार किया जाता है। एकेडमी में युवाओं के रहने और खाने-पीने की पूरी व्यवस्था की गई है।खली ने कहा कि एकेडमी में पंजाब के अलावा मध्य प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और जेएंडके के युवाओं ने दाखिला लिया है। वे एकेडमी के हॉस्टल में ही रहते हैं। रेसलिंग रिंग तैयार करने वाला कोई बेहतरीन कारीगर नहीं था, इसलिए खली ने खुद ही रिंग तैयार की। वे खुद मौके पर खड़े होकर रिंग की रस्सियां पकड़कर कारीगरों से काम करवाते थे।

खली ने कहा कि उन्हें हरियाणा और उत्तराखंड सरकार से एकेडमी खोलने के कई ऑफर आ चुके हैं, मगर वह पहले जालंधर में खोली गई एकेडमी को बेहतरीन ढंग से चलाना चाहते हैं। इसके बाद कहीं और एकेडमी खोलने का विचार करेंगे।एकेडमी में छोटे बच्चों को तैयार करने के लिए जल्द ही खली-डू फॉरमेट तैयार होगा। इसके तहत छोटे बच्चों को डब्ल्यूडब्ल्यूई की कोचिंग दी जाएगी। बच्चों को कोचिंग देने का अलग तरीका है, इसलिए बच्चों को खली-डू फॉरमेट में रखा जाएगा।दलीप सिंह ने कहा है कि डब्ल्यूडब्ल्यूई देखना सबसे ज्यादा भारतीयों का शौक है, मगर देश की ओर से वहां पर पहुंचने वाले बहुत कम हैं। इसलिए उन्होंने एकेडमी खोलकर भारतीय युवाओं को डब्ल्यूडब्ल्यूई तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है।

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