सोनिया लाठेर (57 किलो) कजाखस्तान की ऐजान खोजाबेकोवा को हराकर एआईबीए विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंच गई और अब स्वर्ण पदक के लिये भारत का छह बरस का इंतजार खत्म करने से सिर्फ एक जीत की दूरी पर है.एशियाई चैम्पियनशिप 2012 की रजत पदक विजेता सोनिया ने 3.0 से जीत दर्ज की. अब उसका सामना इटली की एलेसिया मेसियानो से होगा जिसने बुल्गारिया की डेनित्सा एलिसीवा को इसी अंतर से हराया.
टूर्नामेंट में एकमात्र भारतीय बची सोनिया ने अपनी विरोधी की गलतियों का पूरा फायदा उठाया. ऐजान का डिफेंस भी बहुत खराब था लिहाजा निर्णायकों को फैसला लेने में कोई परेशानी नहीं हुई.भारतीयों का प्रदर्शन इस टूर्नामेंट में निराशाजनक रहा और तीन ओलंपिक भारवगरें 51 किलो, 60 किलो, 75 किलो में कोई रियो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई नहीं कर सका.
भारत ने 2010 के बाद से विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक नहीं जीता है जब एम सी मेरीकाम ने 48 किलो वर्ग में अपना पांचवां विश्व खिताब जीता था.इस बार मेरीकाम 51 किलोवर्ग में सिर्फ दूसरे दौर तक ही पहुंच सकी. दक्षिण कोरिया में 2014 में हुई विश्व चैम्पियनशिप में भारत के लिये सरजूबाला देवी (48 किलो) और स्वीटी (81 किलो) ने रजत पदक जीते थे लेकिन दोनों इस बार क्वार्टर फाइनल में हार गई.