कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय वेटलिफ्टर का शानदार परफॉर्मेंस तीसरे दिन भी जारी है। वेटलिफ्टर सतीश कुमार शिवलिंगम ने 77 किग्रा कैटेगरी में गोल्ड जीता। इंग्लैंड के जैक ओलिवर ने सिल्वर और ऑस्ट्रेलिया के फ्रांकोइस इटोनदी ने ब्रॉन्ज जीता।
सतीश के गोल्ड जीतने के साथ ही भारत की झोली में अब तक तीन गोल्ड आ गए हैं। इससे पहले संजीता चानू और मीराबाई चानू ने स्वर्ण पदक दिलाया था। बता दें कि कॉमनवेल्थ गेम्स 1930 में शुरू हुए थे। भारत पहली बार 1934 में शामिल हुआ था।
इस तरह 84 साल में भारत वेटलिफ्टिंग में अब तक 28 गोल्ड जीत चुका है।25 साल के सतीश ने स्नैच के पहली कोशिश में 136, दूसरी में 140 और तीसरी में 144 किग्रा का वजन उठाया। क्लीन एंड जर्क में पहली कोशिश में 169 और दूसरी में 173 किग्रा का वजन उठाया।
इसके साथ ही उनका गोल्ड पक्का हो गया। इसलिए उन्होंने तीसरी कोशिश नहीं की।सतीश ने 2014 ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में इसी कैटेगरी (77 किग्रा) में गोल्ड जीता था। उन्होंने तब 328 (स्नैच में 149 और क्लीन एंड जर्क में 179) किग्रा का वजन उठाया था।
2016 रियो ओलिंपिक में वह 11वें स्थान पर रहे थे। रियो में उन्होंने 329 (स्नैच में 148 और क्लीन एंड जर्क में 181) किग्रा का वजन उठाया था।जैक ओलिवर ने कुल 312 किग्रा वजन उठाया। उन्होंने स्नैच की पहली कोशिश में 141, दूसरी में 145 किग्रा वजन उठाया।
तीसरी कोशिश में 148 किग्रा ऑप्ट किया, लेकिन फाउल कर गए। क्लीन एंड जर्क में उन्होंने पहली कोशिश में 167 किग्रा वजन उठाया। दूसरी और तीसरी कोशिश में 171 किग्रा ऑप्ट किया, लेकिन दोनों बार फाउल कर गए।
इसी तरह फ्रांकोइस ने कुल 307 किग्रा वजन उठाया। फ्रांकोइस ने स्नैच की पहली कोशिश में 128, दूसरी में 133 और तीसरी में 136 किग्रा वजन उठाया। क्लीन एंड जर्क में उन्होंने पहली कोशिश में 162 किग्रा वजन उठाया। दूसरी कोशिश में 168 किग्रा ऑप्ट किया, लेकिन फाउल कर गए। तीसरी कोशिश में 169 किग्रा का वजन उठाया।
तमिलनाडु के वेल्लोर में जन्मे सतीश सदर्न रेलवे में चेन्नई में सीनियर क्लर्क के पद पर तैनात हैं। उनके पिता सेना से रिटायर हैं। सेना से रिटायर होने के बाद वह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में वाचमैन थे। वह भी वेटलिफ्टर रहे हैं।
वेटलिफ्टिंग में भारत के लिए पहली बार गोल्ड एकमबारम करुणाकरन ने जीता था। उन्होंने 1978 एडमोनटन कॉमनवेल्थ गेम्स में फ्लाईवेट ओवरऑल में 205 किग्रा वजन उठाया था। वह तमिलनाडु के तिरुवल्लूर के रहने वाले थे।